जिला पंचायत चुनाव में दिखा गांव की सरकार का रंग, जनता से सीधा जुड़ाव बना रहे हैं चुनावी दावेदार

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर चुनावी माहौल ने रफ्तार पकड़ ली है। हालांकि इस बार का चुनाव कुछ खास है क्योंकि इसे कहा जाता है ‘गांव की सरकार’। दरअसल, जिला पंचायत चुनाव आम जनता से सीधे तौर पर जुड़ा होता है और ग्रामीण विकास के लिहाज से इसकी भूमिका बेहद अहम होती है। यही वजह है कि उम्मीदवार जमीनी स्तर पर मेहनत करते हुए नजर आ रहे हैं।

क्या है ‘गांव की सरकार’ की अहमियत?
जिला पंचायत को ‘गांव की सरकार’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह चुनाव सीधे जनता की भागीदारी से जुड़ा होता है। जनता ही तय करती है कि उसकी सरकार कौन बने और विकास की बागडोर किसके हाथ में हो। यही कारण है कि इन चुनावों में जनता का विश्वास और सहभागिता सर्वोच्च होती है।

कानपुर में दिख रहा चुनावी उत्साह
प्रदेश के कई जिलों की तरह कानपुर में भी जिला पंचायत चुनाव का रंग चढ़ने लगा है। खास तौर पर रमईपुर में चुनावी हलचल तेज है। यहां चुनावी दावेदारों द्वारा लगातार सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है।

इसी कड़ी में रमईपुर जिला पंचायत सदस्य पद के दावेदार जैन यादव ने शरबत और बिस्कुट वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय नागरिकों के साथ बच्चों और समाज के विभिन्न वर्गों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान समाजवादी पार्टी के कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे, जो जैन यादव के समर्थन में खड़े नजर आए।
समाजवादी पार्टी में मजबूत पकड़ बना चुके हैं जैन यादव
यह उल्लेखनीय है कि जैन यादव ने कम उम्र में ही समाजवादी पार्टी में अपनी एक मजबूत पहचान बना ली है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच उन्होंने ऐसा भरोसा कायम किया है कि उन्हें पूरी तरह से समर्थन मिल रहा है। यही नहीं, पार्टी मुखिया के साथ भी उनका तालमेल सकारात्मक नजर आता है।

जनता से लगातार जुड़ाव बना रहे हैं जैन यादव
सिर्फ पार्टी ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय जनता भी जैन यादव के पक्ष में खड़ी दिखाई दे रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जैन यादव हमेशा से ही जनता के बीच रहते हैं और समय-समय पर लोगों की समस्याओं का समाधान करते आए हैं। इस वजह से उन्हें क्षेत्र में भरपूर समर्थन मिल रहा है।

चुनावी दौड़ में बढ़ रही है गर्माहट
इधर इटावा, हमीरपुर, मैनपुरी, एटा, हापुड़, मेरठ, पीलीभीत, सीतापुर और प्रतापगढ़ जैसे जिलों में भी जिला पंचायत चुनाव को लेकर हलचल बढ़ रही है। हर जगह उम्मीदवार जनता के बीच जाकर संपर्क साध रहे हैं और अपने समर्थन में माहौल बना रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि यह चुनाव न केवल विकास के मुद्दों को केंद्र में ला रहा है, बल्कि आम लोगों की भागीदारी को भी नई ऊर्जा दे रहा है।




