
Kishtwar Cloudburst Tragedy : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मचैल माता यात्रा रूट पर बुधवार, 14 अगस्त 2025 को बादल फटने से भारी तबाही मच गई। चोसीति इलाके में आई इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग अभी भी लापता हैं। हादसा उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु मचैल माता मंदिर की यात्रा पर थे।
दोपहर लगभग 12:30 बजे तेज बारिश के बीच अचानक बादल फटने से पानी, मलबा और पत्थरों का तेज बहाव शिविर क्षेत्र में घुस आया। इससे लंगर, टेंट और दुकानें बह गईं और कई लोग इसकी चपेट में आ गए।
बचाव और राहत कार्य
- NDRF, SDRF, पुलिस और सेना की टीमें मौके पर तैनात
- मौसम और पहाड़ी रास्ते की वजह से बचाव कार्य में दिक्कत
- घायलों को किश्तवाड़ जिला अस्पताल और जम्मू मेडिकल कॉलेज भेजा गया
- प्रशासन ने हेल्पलाइन जारी कर लापता लोगों की जानकारी देने की अपील की
नेताओं और प्रशासन की प्रतिक्रिया
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजा और घायलों के इलाज का भरोसा दिया
- जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राहत कार्यों की निगरानी के निर्देश दिए
- यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है
मौसम विभाग की चेतावनी
आने वाले 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। स्थानीय लोगों और यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर रहने की सलाह दी गई है।
“मचैल माता यात्रा के दौरान हुआ यह हादसा न केवल श्रद्धालुओं बल्कि पूरे देश के लिए दर्दनाक है। यह एक चेतावनी है कि पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक आपदाओं के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”