लखनऊ – Cm yogi Adityanath : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में साल 2007 में हुए दंगे के मुख्य आरोपी 16 साल से फरार मोहम्मद शमीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। दरअसल, साल 2007 में मोहर्रम के जुलूस के दौरान राजकुमार अग्रहरि नाम के युवक को पुलिस की जीप से खींचकर चाकुओं और तलवार से ताबड़तोड़ हमला कर हत्या कर दी गई थी।
राजकुमार अग्रहरि नाम के युवक की हुई थी हत्या
गोरखपुर के तिवारीपुर थाना क्षेत्र के निजामपुर के रहने वाले मोहम्मद शमी ने मोहर्रम के दिन जनवरी 2007 में राजकुमार अग्रहरि नाम के युवक की अपने साथियों के साथ मिलकर चाकू और तलवार से ताबड़तोड़ हमला कर हत्या कर दी थी। इसी घटना के बाद गोरखपुर के तत्कालीन बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ धरने पर बैठ गए थे, उस दौरान वहां दंगा भड़क गया था। राजगढ़ थाना क्षेत्र के तुर्कमानपुर के रहने वाले परवेज परवाज ने रेलवे स्टेशन के पास योगी आदित्यनाथ पर भड़काऊ भाषण देने का मुकदमा दर्ज कराया था।
योगी आदित्यनाथ पर लगा था आरोप
परवेज परवाज का आरोप था कि योगी आदित्यनाथ ने रेलवे स्टेशन के पास सभा कर धारा 144 का उल्लंघन करते हुए भड़काऊ भाषण दिया था और कहा था कि अगर एक भी हिंदू की हत्या होगी, तो शहर के पश्चिम में बहने वाली राप्ती नदी का पानी लाल का रंग का बहेगा। हालांकि, उम्र कैद की सजा काट रहे परवेज परवाज ने कोर्ट को जो टेप सौंपा था, उसमें जांच में टेंपरिंग पाई गई थी और योगी आदित्यनाथ के ऊपर चल रहा भड़काऊ भाषण देने का मुकदमा खत्म कर दिया गया था।
योगी आदित्यनाथ की गिरफ्तारी
इस हत्याकांड के बाद गोरखपुर में दंगे भड़क उठे थे और कानून व्यवस्था का बुरा हाल था। माहौल खराब होने के बाद घटना के विरोध में सड़क पर उतरे गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और उनके साथ मौजूद लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया था। इसी मामले में जेल से छूटने के बाद योगी आदित्यनाथ संसद में रोए थे।
संसद में भावुक हो गए थे तत्कालीन गोरखपुर सांसद योगी
साल 2007 में हुई इस हिंसा में बीजेपी के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को धरना देने और जुलूस निकालने के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस दौरान उन्हें 11 दिन जेल में रहना पड़ा था। इसके बाद संसद में वे अपनी संरक्षा को लेकर भावुक हो गए थे।
अब पकड़ा गया आरोपी
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2007 में हुई थी घटना में आरोपी शमीम को पुलिस ने गिरफ्तार तो किया था लेकिन उसे उसी साल जमानत मिल गई थी। इसके बाद से ही वह फरार हो गया था। कोर्ट में लगातार बुलावे के बावजूद भी आरोपी शमीम तारीख पर हाजिर नहीं हो रहा था। उसे साल 2012 में कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, आरोपी शमीम 16 साल बाद अपने घर से पकड़ा गया। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।