Explainer: क्या होता है डिजिटल पासपोर्ट?जानिए क्या हैं इसके फायदे

नई दिल्ली – Digital Passport: अब जमाना डिजिटल का हो गया है। रेल टिकट से लेकर लैब की जांच रिपोर्ट तक सब डिजिटल हो गए हैं। इनको अब आप अपने स्मार्टफोन में असानी से रख सकते है। इससे कागज की बचत हो रही है। लेकिन अब पासपोर्ट भी डिजिटल बनने लगे हैं। इसका मतलब यह हुआ कि आपको अपने साथ पासपोर्ट की हार्ड कॉपी लेकर चलने की जरूरत नहीं है। आप ई-टिकट की तरह ही स्मार्टफोन में डिजिटल पासपोर्ट लेकर एक देश से दूसरे देश की यात्रा कर सकते हैं। खास बात यह है कि फिनलैंड ने परीक्षण के तौर पर अपने देश में डिजिटल पासपोर्ट की शुरुआत कर दी है।
फिनलैंड डिजिटल पासपोर्ट शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश
कहा जा रहा है कि पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए फिनलैंड ने डिजिटलाइजेशन शुरू किया है। इस परीक्षण के साथ ही फिनलैंड डिजिटल पासपोर्ट शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। खास बात यह है कि फिनलैंड ने डिजिटल पासपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए फिनएयर, फिनिश पुलिस और हवाईअड्डा संचालक फिनेविया के साथ एक समझौता किया है। इसने इनके साथ साझेदारी में परीक्षण शुरू किया है।
परीक्षण फरवरी 2024 तक जारी रहेगा
फिनिश बॉर्डर गार्ड यह परीक्षण कर रहा है। वह हेलसिंकी हवाई अड्डे के सीमा नियंत्रण पर यह परीक्षण कर रहा है। डिजिटल पासपोर्ट परीक्षण का यह सिलसिला फरवरी 2024 तक जारी रहेगा। यूरोपीय संघ चाहता है कि 2030 तक 27 देशों के ब्लॉक में कम से कम 80% नागरिक डिजिटल पासपोर्ट का उपयोग शुरू कर दें।
क्या है डिजिटल पासपोर्ट
डिजिटल ट्रैवल क्रेडेंशियल भौतिक पासपोर्ट का एक डिजिटल एडिशन है, जिसे स्मार्टफोन में असानी से डाउनलोग कर कैरी किया जा सकता है। यह इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (आईसीएओ) के मानकों का पालन करता है, जो डिजिटल ट्रेवलिंग डॉक्यूमेंट्स के लिए ग्लोबल लेवल पर काम कर रहा है। दुनिया में पहली बार डिजिटल पासपोर्ट का परीक्षण फिनलैंड में किया जा रहा है। वर्तमान में केवल फिनएयर उड़ानों पर फिनलैंड और यूके के बीच सफर करने वाले फिनिश नागरिक को ही डिजिटल पासपोर्ट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
डिजिटल पासपोर्ट के लाभ?
डिजिटल पासपोर्ट का चलन शुरू होने से यात्रियों को बहुत फायदा मिलेगा। उन्हें पासपोर्ट की हार्ड कॉपी लेने के लिए पासपोर्ट ऑफिसों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। साथ ही डिजिटल पासपोर्ट होने से बॉर्डर कंट्रोल प्वाइंट पर लोगों की भीड़ कम लगेगी। साथ ही इसके आने से कोई भी यात्री अपने पहचान या दस्तावेज के साथ जालजासी नहीं कर सकता है। एक्सपर्ट की माने तो डिजिटल पासपोर्ट से लोगों की यात्रा पहले के मुकाबले और आसान हो जाएगी। वहीं, एयरपोर्ट पर जांच में बर्बाद होने वाले समय की भी बचत होगी।
कैसे कर सकते है प्राप्त?
फिनलैंड के नागरिकों के लिए इन डिजिटल यात्रा दस्तावेजों को जारी किया गया है, जो लंदन, मैनचेस्टर और एडिनबर्ग से फिनएयर विमानों के जरिये यात्रा कर रहे हैं। फरवरी 2024 के अंत तक अधिक संख्या में नागरिक सीमा नियंत्रण से गुजरने में सक्षम हो सकेंगे। फिनलैंड के नागरिक स्वैच्छिक डिजिटल ट्रैवल क्रेडेंशियल्स (डीटीसी) उपयोगकर्ता के रूप में पंजीकरण करके डिजिटल पासपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं और फिनलैंड छोड़ने या यहां पहुंचने के लिए सीमा नियंत्रण पर डिजिटल पासपोर्ट का उपयोग कर सकते हैं।
क्या डिजिटल पासपोर्ट ई-पासपोर्ट से अलग हैं?
डिजिटल पासपोर्ट ई-पासपोर्ट से अलग है, जो भारत सहित 100 से अधिक देशों में पहले से ही उपयोग में हैं। ई-पासपोर्ट एक चिप-सक्षम पासपोर्ट है जिसमें सुरक्षा बढ़ाने और पहचान सत्यापन के स्तर में सुधार करने के लिए बायोमेट्रिक पहचान पत्र होता है। जबकि डिजिटल भौतिक पासपोर्ट का एक रूप है, जिसे स्मार्टफोन में ले जाया जा सकता है। भौतिक पासपोर्ट के रूप में ले जाने की आवश्यकता नहीं होती है।
अभी ये है नियम
डिजिटल पासपोर्ट के साथ वे हेलसिंकी हवाई अड्डे पर अपनी फोटो खींचकर और अपने डीटीसी में स्टोर किए गए पासपोर्ट के साथ अपनी पहचान वेरिफाई कर सकते हैं। हालांकि, चूंकि यह एक चालू परीक्षण है, इसलिए नागरिकों को अपना फिजिकल पासपोर्ट साथ ले जाना होगा और उसे फिनलैंड और यूके में सीमा नियंत्रण पर स्कैन कराना होगा। यदि पायलट प्रोजेक्ट सफल साबित होता है, तो यात्रियों को भविष्य में फिजिकल पासपोर्ट ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी।




