नई दिल्ली – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मजबूत डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की सराहना करते हुए कहा कि इसकी बदौलत भारत आज डिजिटल लेनदेन में सबसे आगे है। पल्लावरम में आयोजित विकसित भारत 2047 एंबेसेडर कैंपस डायलॉग में वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में हर महीने 43.3 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन बिना किसी शुल्क के किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें विक्रेता, खरीदार और भुगतान प्रणाली तीनों शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने मैन्यूफैक्चरिंग की सराहना की
वित्त मंत्री ने देश में बढ़ती मैन्यूफैक्चरिंग की सराहना करते हुए कहा कि आज भारत ना केवल घरेलू खपत के लिए बल्कि अन्य देशों को निर्यात के लिए मोबाइल फोन का उत्पादन कर रहा है और यह सब मोदी सरकार के प्रयासों के चलते संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) के चलते उद्योगों को सौर ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया है। भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए अन्य देशों के समझौते भी किए हैं।
एक लाख करोड़ रुपये आवंटित
भारत में स्टार्टअप की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए सीतारमण कहती हैं कि सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी निवेश के लिए खोल दिया है और इस सेक्टर में भी स्टार्टअप आ रहे हैं। अंतरिम बजट में सरकार ने विज्ञान और अनुसंधान के लिए एक लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिससे भारत में उभरते स्टार्टअप को और बढ़ावा मिलेगा। सीतारमण ने विकसित भारत के संकेतकों पर भी प्रकाश डाला।
पीएम मोदी का लक्ष्य विकसित भारत
वित्त मंत्री ने कहा कि बेहतर बुनियादी ढांचा, आधुनिक स्कूल और अस्पताल विकसित भारत की पहचान हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार का ध्यान बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से विकसित भारत लक्ष्य को हासिल करना है।