Rabri Devi Court Hearing : IRCTC होटल घोटाले में राबड़ी देवी ने मांगा ट्रांसफर — राउज एवेन्यू कोर्ट ने CBI को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली। राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को IRCTC होटल भ्रष्टाचार मामले में राबड़ी देवी की ओर से दायर ट्रांसफर याचिका पर CBI को नोटिस जारी किया है। राबड़ी देवी ने यह मामला मौजूदा जज से हटाकर किसी अन्य जज के पास भेजने की मांग की है। इस केस में वह अपने पति लालू प्रसाद यादव, बेटे तेजस्वी यादव सहित कई अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ मुकदमे का सामना कर रही हैं।
कोर्ट ने CBI से मांगा जवाब
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश भट्ट ने CBI को निर्देश दिया है कि वह 6 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई में इस ट्रांसफर याचिका पर अपना जवाब दाखिल करे।
शनिवार को राबड़ी देवी ने एक विस्तृत याचिका दायर कर
- IRCTC होटल घोटाला,
- नौकरी के बदले जमीन मामला,
- और उससे जुड़े ED मामलों
को भी ट्रांसफर करने की मांग की थी।
CBI की आपत्ति — “एक याचिका में चार मामलों का ट्रांसफर संभव नहीं”
CBI की तरफ से वरिष्ठ वकील डीपी सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। उन्होंने कहा—
“याचिकाकर्ता ने ED और अन्य प्रतिवादियों को पार्टी नहीं बनाया है, इसलिए एक ही याचिका में चार अलग-अलग मामलों के ट्रांसफर की मांग नहीं की जा सकती।”
कोर्ट ने जब राबड़ी देवी के वकील से पूछा कि क्या वे चारों मामलों में ट्रांसफर चाहते हैं, तो वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने बताया कि ED और नौकरी के बदले जमीन मामले के लिए अलग याचिका दायर की जाएगी।
“अदालत की ओर से पक्षपात हुआ”—बचाव पक्ष का आरोप
राबड़ी देवी की ओर से दलील दी गई कि मौजूदा अदालत में—
“स्पष्ट रूप से पक्षपात और अन्याय हुआ है।”
मामला इस समय प्रॉसिक्यूशन एविडेंस (अभियोजन पक्ष के सबूत) के चरण में है और सुनवाई दिन-प्रतिदिन आधार पर चल रही है। रोज़ाना सुनवाई रोकने की याचिका को विशेष CBI न्यायाधीश विशाल गोगने पहले ही खारिज कर चुके हैं।
पिछला आदेश — लालू, राबड़ी व तेजस्वी पर आरोप तय
13 अक्टूबर को अदालत ने
- पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव,
- राबड़ी देवी,
- तेजस्वी यादव,
- और 11 अन्य के खिलाफ
धोखाधड़ी, साजिश और भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं में आरोप तय किए थे।
IPC की धारा:
- 420 – धोखाधड़ी
- 120B – आपराधिक साजिश
साथ ही - भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएँ 13(1)(d) और 13(2)
कोर्ट ने कहा था कि 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं।
लालू प्रसाद यादव ने आरोपों को नकारते हुए कहा—
“मैं निर्दोष हूँ और मुकदमे का सामना करूंगा।”
CBI का आरोप — ‘होटल के बदले जमीन’
CBI के अनुसार:
- रांची और पुरी के BNR होटल्स का मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट सुजाता होटल्स को दिया गया,
जिसका स्वामित्व विजय और विनय कोचर के पास है। - इस सौदे के बदले में
लालू यादव के परिवार को एक बेनामी कंपनी के माध्यम से तीन एकड़ जमीन दी गई।
CBI ने 7 जुलाई 2017 को FIR दर्ज की थी और पटना, दिल्ली, रांची और गुड़गांव में 12 जगहों पर छापेमारी की थी।
लालू यादव का पक्ष — ‘टेंडर निष्पक्ष थे’
लालू यादव की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा—
“टेंडर पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से दिए गए थे।
आरोप तय करने लायक कोई ठोस सबूत नहीं है।
उन्हें आरोपों से बरी किया जाना चाहिए।”
CBI ने अप्रैल 2018 में इस मामले में चार्जशीट दायर की थी।




