जौनपुर – Jaunpur News : अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट शरद त्रिपाठी ने नमामि गंगे परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण व रंगदारी मांगने के मामले में आरोपी जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह व संतोष विक्रम को मंगलवार को दोषी करार दिया। सजा के प्रश्न पर आज (बुधवार) को सुनवाई होगी। कोर्ट ने दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। कोर्ट ने अन्य साक्ष्यों के अलावा 15 परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर ही सजा सुनाया है।
धनंजय पर 38 आपराधिक मुकदमों का उल्लेख
कोर्ट द्वारा सुनाए गए दोष सिद्धि के निर्णय में विवेचना के दौरान विवेचक की ओर से अभियुक्त धनंजय सिंह के आपराधिक इतिहास का वर्णन किया गया है। कहा है कि इनके ऊपर 38 आपराधिक मुकदमे लखनऊ, जौनपुर व नई दिल्ली में दर्ज हैं।
गवाह को किया गया व्हॉट्सएप मैसेज बना ख़ास
आपको बता दे की मामले के तीसरे गवाह हरेंद्र पाल ने कोर्ट में बयान दिया कि 10 मई 2020 को शाम 5.43 बजे अभिनव सिंघल ने अपने मोबाइल से उसके मोबाइल पर व्हॉट्सएप मैसेज किया कि धनंजय सिंह के आदमी मुझे उनके घर पर लेकर आए हैं। परियोजना के पुलकित सर को तत्काल सूचित करें। इस मैसेज का स्क्रीनशाट साक्ष्य में पेश किया गया। इसके अलावा काल डिटेल की भी दोषसिद्धि में अहम भूमिका रही है।
किस मामले में आज कोर्ट सुनाएगी सजा?
नमामि गंगे परियोजना के प्रबंधक मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई, 2020 को जौनपुर के लाइनबाजार थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम के खिलाफ अपहरण और रंगदारी मांगने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि विक्रम ने अपने दो साथियों के साथ पहले उनका अपहरण किया और फिर उन्हें पूर्व सांसद धनंजय सिंह के आवास पर ले गया। सिंघल ने आरोप लगाया था कि वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए धमकी देने के बाद रंगदारी मांगी इस मामले में धनंजय को दोषी करार दिया गया है और कोर्ट बुधवार को इस पर फैसला सुनाएगी।
धनंजय ने की थी चुनाव लड़ने की घोषणा
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आपको बता दे कि हाल ही में जब भारतीय जनता पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की सूची जारी हुई थी, जिसमें जौनपुर से कृपाशंकर सिंह को टिकट दिया गया है। इसके कुछ देर बाद ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने भी जौनपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने 2 मार्च को कहा था, “साथियों! तैयार रहिए… लक्ष्य बस एक लोकसभा 73, जौनपुर।”