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Yogi Adityanath Judicial Service Association : सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- न्यायपालिका सुशासन की रक्षक, यूपी सरकार न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के 42वें अधिवेशन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने न्यायपालिका को सुशासन का रक्षक बताते हुए कहा कि सरकार न्यायिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने संघ की स्मारिका का अनावरण किया और न्यायिक सेवा संघ के लिए 50 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड देने की घोषणा भी की।

महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों पर सख्ती

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है।

  • 381 पॉक्सो और फास्ट-ट्रैक कोर्ट स्थापित किए गए।
  • केंद्र सरकार के सहयोग से कोर्ट रूम और आवासीय निर्माण के लिए बड़ी धनराशि जारी –
    • 2023-24 में ₹148 करोड़
    • 2024-25 में ₹239 करोड़
    • 2025-26 में ₹75 करोड़ से अधिक
  • प्रदेश में 110 ग्राम न्यायालय पहले से क्रियाशील हैं और अन्य जगहों पर भी इसे प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जा रहा है।

50 करोड़ का कॉर्पस फंड

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि न्यायिक सेवा संघ के लिए ₹50 करोड़ का नया कॉर्पस फंड दिया जाएगा। यह 2018 में शुरू किए गए 10 करोड़ रुपये के फंड को और मजबूत करेगा।

इसके साथ ही, जनपद न्यायालयों में लंबित मामलों के निस्तारण के लिए डिस्पोजीशन क्लर्क की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के माध्यम से करने पर सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दी है।

इंटीग्रेटेड कोर्ट परिसर की स्थापना

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने 10 जनपदों में इंटीग्रेटेड कोर्ट परिसर स्थापित करने के लिए ₹1,645 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं, जिनमें से 6 जिलों में काम शुरू हो चुका है।
ये परिसर –

  • जनपद न्यायालय
  • मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण
  • परिवार न्यायालय
  • वाणिज्यिक अदालतें

को एकीकृत सुविधा उपलब्ध कराएंगे।

कार्यक्रम में मौजूद रहे वरिष्ठ न्यायाधीश

इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद हाईकोर्ट न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति राजन राय, न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान, संघ के अध्यक्ष रणधीर सिंह, सभी जनपदों के न्यायाधीश, अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति और कई न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे।

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