
लखनऊ – घोसी उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी को मिली हार के बाद अब यूपी में भाजपा 2024 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संगठन को नए सिरे से मजबूत करने की तैयार में है चुकी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को यूपी की कमान संभाले एक साल से ज्यादा का वक्त भी हो गया है, लेकिन अभी तक 2024 के लिए जिलों की टीम तैयार नहीं हो पाई है। महीनो से चल रही चर्चा पर अब विराम की घड़ी करीब आ गई है और जल्द नए जिला अध्यक्षों की घोषणा की जाएगी। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के 33 से अधिक जिलों के अध्यक्ष बदले जाएंगे। भाजपा जिलों में सांगठनिक बदलाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है। पार्टी अपने 40 से 50 प्रतिशत सांगठनिक जिलों में जल्द ही नए जिलाध्यक्ष नामित करेगी। जानकारी के अनुसार, भाजपा नए जिलाध्यक्षों की घोषणा इसी सप्ताह कर सकती है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने की बैठक

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी और प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने सोमवार को इस संबंध में प्रदेश कार्यालय में बैठक कर नए जिलाध्यक्षों के संभावित नामों पर चर्चा की। पार्टी के सभी संगठन क्षेत्रों से प्रदेश नेतृत्व को जिलाध्यक्षों के नामों के पैनल भेजे जा चुके हैं। शुक्रवार को दोनों शीर्ष प्रदेश पदाधिकारियों ने प्रदेश व क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ नए जिलाध्यक्षों के नामों पर मंथन किया।
लोकसभा चुनाव में यूपी की सीटें है अहम
गौरतलब है, घोसी उपचुनाव की हार के बाद से भाजपा सक्रिय हो गई है। यही कारण है कि भाजपा जिलाध्यक्षों के चुनाव को लेकर भी काफी गंभीर होकर मंथन करने में जुटी। केंद्र में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए भाजपा सारे जतन कर रही है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश आम चुनाव को लेकर गंभीर है। क्योंकि भाजपा को यूपी से सबसे ज्यादा (Lok Sabha Seats in Uttar Pradesh) उम्मीदें हैं। पार्टी इस रणनीति के अंतर्गत काम कर रही है कि यदि लोकसभा चुनाव में अन्य राज्यों में उसकी कुछ सीटें कम भी हो जाएं तो उनकी भरपाई उत्तर प्रदेश से की जा सके।
दो टर्म पूरा कर चुके जिलाध्यक्ष भी बदले जाएंगे
2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी जिलों में नई टीम तैयार करने जा रही है। खासतौर से लंबे समय से जिला अध्यक्ष का कार्यभार संभाल रहे लोगों को भी बदलने की बीजेपी की तैयारी है। जो जिला अध्यक्ष के तौर पर दो टर्म से ज्यादा समय पूरा कर चुके हैं, ऐसे लोगों को भी इस बार बदला जाएगा। उनकी जगह नए, युवा और बेदाग चेहरों को पार्टी मौका देगी।
खासतौर से हरदोई के जिला अध्यक्ष कन्नौज के जिला अध्यक्ष झांसी के जिला अध्यक्ष, हमीरपुर के जिला अध्यक्ष, मिर्जापुर के जिला अध्यक्ष, प्रतापगढ़ के जिला अध्यक्ष, जौनपुर के जिला अध्यक्ष, गाजीपुर के जिला अध्यक्ष और अमेठी के जिला अध्यक्ष को भी बदलने की तैयारी पार्टी कर ली है।
परफॉर्मेंस खराब और जातीय समीकरण बनेगा बदलाव का आधार
2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से इन जिला अध्यक्षों के बदलाव को काफी अहम माना जा रहा है। इस बदलाव के जरिए भाजपा न केवल क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश करेगी, बल्कि जातीय समीकरणों को भी साधने पर उसका फोकस रहेगा। माना जा रहा है कि इस बदलाव में पार्टी कई जिलों में OBC चेहरों को भी मौका दे सकती है।
उत्तर प्रदेश में OBC वोट बैंक की बात करें तो वह सबसे ज्यादा तकरीबन 52% है। चाहे 2014 के लोकसभा चुनाव रहे हों या फिर 2019 का…OBC समाज ने बीजेपी का हर चुनाव में साथ दिया है। लगातार भाजपा सत्ता में बनी रही है। इसीलिए अब OBC वोट बैंक को साथ लाने के लिए बीजेपी इस बदलाव में भी OBC चेहरों को ज्यादा मौका दे सकती है।