Surya Grahan 2024 : 2 अक्टूबर (बुधवार) की रात लगभग 9:13 बजे भारतीय समयानुसार सूर्यग्रहण की एक दुर्लभ खगोलीय घटना घटित होगी। हालांकि, इस सूर्यग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा, लेकिन अर्जेंटीना और चिली में इसे वलयाकार सूर्यग्रहण के रूप में दिखाई देगा। इसके अलावा, फिजी, उरुग्वे, ब्राज़ील और पेरू जैसे देशों में इस सूर्यग्रहण का आंशिक रूप दिखाई देगा। यह खगोलीय घटना रात 3:17 बजे समाप्त होगी।
वलयाकार और आंशिक सूर्यग्रहण
इस सूर्यग्रहण का मुख्य आकर्षण वलयाकार रूप में अर्जेंटीना और चिली में दिखाई देगा, जबकि अन्य देशों में इसे आंशिक रूप में देखा जा सकेगा। गणितीय अनुमानों के अनुसार, इस ग्रहण का कुछ न कुछ हिस्सा विश्व की जनसंख्या का लगभग 3.08 प्रतिशत लोग देख पाएंगे, जबकि वलयाकार सूर्यग्रहण को केवल 0.002 प्रतिशत लोग ही देख सकेंगे।
भारत में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर आज लगने जा रहा है। यह ग्रहण दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली, पेरू, होनोलूलू, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको और पेरू में कुछ जगहों पर दिखाई देगा।
भारत में करना होगा 2027 तक इंतजार
आपको बता दे की अगर आपको भारत में सूर्यग्रहण देखना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए 2 अगस्त 2027 तक का इंतजार करना होगा। उस दिन, मध्यप्रदेश सहित भारत के कई हिस्सों में आंशिक सूर्यग्रहण दिखाई देगा, जो लगभग 1 घंटे 24 मिनट तक रहेगा।
सूर्य ग्रहण का दुनिया पर प्रभाव
आपको बता दे की इस बार सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लगने जा रहा है। ग्रहण के समय सूर्य पर राहु की पूर्ण दृष्टि रहेगी। साथ ही शनि के साथ सूर्य का षडाष्टक योग भी बनेगा और केतु भी सूर्य में मौजूद रहेंगे। साथ ही, इस ग्रहण में सूर्य, चन्द्रमा, बुध और केतु का संयोग बनेगा। राहु और केतु का अक्ष मीन और कन्या राशि में प्रभावशाली हो जाएगा। इसमें सूर्य, मंगल और केतु का प्रभाव बन गया है। यह स्थिति दुनिया भर में राजनैतिक रूप से भयंकर उथल पुथल मचा सकती है। शेयर बाजार और दुनिया भर की आर्थिक स्थिति हिल सकती है। कन्या और मीन राशि का प्रभाव विश्व भर में युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं के संकेत दे रहा है।
क्या है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण तब लगता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक रेखा में आ जाते हैं और जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, जिससे चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है और धरती के एक भाग पर अंधेरा छा जाता है। यही सूर्य ग्रहण कहलाता है।
क्यों होता है खाना पीना वर्जित?
गौरतलब है की धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए। स्कंद पुराण में भी उल्लेखित है कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करने से सेहत पर गलत असर पड़ता है। यह भी बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के समय भोजन करने से सारे पुण्य और कर्म नष्ट हो जाते हैं।