
नई दिल्ली – Sengol : राजधानी दिल्ली में नए संसद भवन में पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों मई में सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक सेंगोल की स्थापना हुई, जो काफी दिनों तक आकर्षण का केंद्र बना रहा। अब उसी सेंगोल की प्रतिकृति प्रयागराज के म्यूजियम में रखी गई है। इसे देखने के लिए लोग भारी संख्या में जुट रहे हैं। 25 सितंबर को सेंगोल के प्रतिकृति को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अधिकारिक तौर पर म्यूजियम में आनंदिबेन पटेल ने रखा था। लोग इस सेंगोल के प्रतिकृति को देखने के लिए वहां पहुंच भी रहे हैं।
बिल्कुल असली जैसा है प्रतिकृति
प्रयागराज संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद ने बताया कि प्रतिकृति बिल्कुल मूल सेंगोल के समान है, उसका आयाम और वजन बिल्कुल उतना ही है। सेंगोल की प्रतिकृति बनाने के लिए सोने की परत वाली पीतल की सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। जबकि असली सेंगोल सोने की परत के साथ चांदी से निर्मित है। राजेश प्रसाद ने बताया कि प्रतिकृति लोगों को आकर्षित कर रही है।
मूल सेंगोल पहले प्रयागराज में था
सेंगोल एक राजदंड है जो तमिलनाडु के इतिहास से जुड़ा है। अंग्रेजों ने सत्ता हस्तांतरण के बाद इसे जवाहरलाल नेहरू को प्रतीक के रूप में सौंपा था। जो इलाहाबाद के संग्रहालय में रखा गया था। 28 मई 2023 को नए संसद के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने इसे नए संसद भवन में स्थापित किया। इसके पहले लोग सेंगोल के बारे में बहुत कम जानते थे। नए सदन में इसे रखे जाने के बाद प्रयागराज संग्रहालय में इसकी एक प्रतिकृति रखी गई।