Russia-Ukraine Talks : इस्तांबुल में रूस-यूक्रेन बैठक रही बेनतीजा, जेलेंस्की ने ड्रोन हमले को बताया ऐतिहासिक ऑपरेशन

Russia-Ukraine Talks : तुर्किये की राजधानी इस्तांबुल में सोमवार को रूस और यूक्रेन के बीच दूसरे दौर की शांति वार्ता आयोजित की गई, लेकिन यह बैठक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। जबकि यूक्रेन की ओर से एक दिन पहले किए गए भीषण ड्रोन हमले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई बहस छेड़ दी है।
दरअसल, रविवार को यूक्रेन ने रूस के अंदरूनी हिस्सों—आर्कटिक, साइबेरिया और अन्य दूरस्थ क्षेत्रों—में एक साथ ड्रोन हमले किए। इस ऑपरेशन में 40 से अधिक रूसी युद्धक विमान तबाह कर दिए गए। बताया जा रहा है कि यह हमला तीन अलग-अलग समय क्षेत्रों में समन्वित रूप से किया गया और इसकी योजना यूक्रेन ने करीब डेढ़ साल पहले बनानी शुरू कर दी थी।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस हमले को “एक शानदार और ऐतिहासिक ऑपरेशन” बताया, जिसे आने वाले समय में याद रखा जाएगा। हालांकि रूस की ओर से इस पर कोई विस्तृत प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। रूस के एक सरकारी टीवी चैनल ने इसे मात्र एक मिनट का कवरेज दिया और फिर इस ड्रोन हमले को यूक्रेन पर रूस के हवाई हमलों से जोड़ने का प्रयास किया।
चिरागन पैलेस में हुई शांति वार्ता
वहीं, इस्तांबुल के चिरागन पैलेस में हुई शांति वार्ता की अध्यक्षता तुर्किये के विदेश मंत्री हाकान फिदान ने की। वार्ता से पूर्व उम्मीद जताई जा रही थी कि संघर्ष विराम और युद्ध के समाधान की दिशा में कुछ सकारात्मक निर्णय लिए जाएंगे। हालांकि, बैठक में किसी शांति समझौते को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की गई।
यूक्रेन ने संघर्ष विराम के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, लेकिन रूस ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। इससे पहले, पिछले सप्ताह भी इस्तांबुल में एक बैठक आयोजित की गई थी, जो केवल दो घंटे में समाप्त हो गई थी।
दोनों देशों ने शांति समझौते को नहीं उठाया ठोस कदम
तुर्किये के विदेश मंत्री हाकान फिदान ने इस्तांबुल के चिरागन पैलेस में शांति वार्ता की अध्यक्षता की। इस बैठक में रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम और युद्ध के अंत के लिए बातचीत की उम्मीद जताई गई थी। हालांकि, दोनों देशों के अधिकारियों ने अब तक शांति समझौते के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। यूके्रन ने संघर्ष विराम को स्वीकार कर लिया है, जबकि रूस ने इसे ठुकरा दिया है। पिछले हफ्ते इस्तांबुल में एक और बैठक हुई थी, लेकिन वह भी सिर्फ दो घंटे चली। उस बैठक में एक बड़े कैदी अदला-बदली पर सहमति बनी, लेकिन शांति वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई।