मन की बात” में PM मोदी की अपील : 15 अगस्त को हर घर फहराएं तिरंगा, जानिए और क्या बोले

PM नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात प्रोग्राम के 103 वें एपीसोड में देशवासियों से बात की। उन्होंने 15 अगस्त को हर घर तिरंगा फहराने की अपील की। कार्यक्रम को सुबह 11 बजे टेलीकास्ट किया गया।
•पीएम के कार्यक्रम की मुख्य बातें
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘कुछ समय पहले मैं MP के शहडोल गया था। वहां आदिवासी भाइयों से मुलाकात हुई। पकरिया गांव के आदिवासियों ने प्रकृति और जल संरक्षण के लिए काम कर दिया है। 100 कुओं को वाटर रिचार्ज सिस्टम में बदल दिया है। बारिश का पानी इन कुओं में जाता है और वहां से जमीन में। सभी गांववालों ने 800 कुओं को रिचार्ज के लिए उपयोग में लाने का लक्ष्य बनाया है।
MP के शहडोल में विचारपुर गांव है, इसे मिनी ब्राजील कहा जाता है। ये गांव आज उभरते सितारों का गढ़ बन गया है। यहां मेरी मुलाकात इन खिलाड़ियों से हुई। विचारपुर गांव के मिनी ब्राजील बनने की यात्रा 2 दशक पहले शुरू हुई। यह कभी नशे का शराब का गढ़ था।रईस अहमद जो पूर्व फुटबॉलर हैं और कोच हैं, उन्होंने युवाओं को फुटबॉल सिखाना शुरू किया। अब विचारपुर की पहचान फुटबॉल से होने लगी। फुटबॉल क्रांति नाम से एक प्रोग्राम चल रहा है।
पीएम ने कहा- इस समय सावन का महीना चल रहा है। महादेव की आराधना के साथ सावन हरियाली और खुशहाली से जुड़ा होता है। इसका बहुत महत्व रहा है। सावन के झूले, सावन की मेंहदी, सावन के उत्सव। सावन का मतलब ही आनंद और उल्लास है।इस आस्था और परंपराओं का एक पक्ष और भी है। ये हमें गतिशील बनाते हैं। शिव अराधना के लिए कितने ही भक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों पर भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बनारस पहुंचने वाले लोगों की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है। हर साल वहां 10 करोड़ से ज्यादा पर्यटक पहुंच रहे हैं। अयोध्या, मथुरा और उज्जैन पहुंचने वालों की संख्या भी बढ़ रही है।’
प्रधानमंत्री ने कहा- हम न केवल अपनी विरासत को अंगीकार करें, बल्कि उसे जिम्मेदारी से साथ विश्व के सामने प्रस्तुत भी करें। मुझे खुशी है कि ऐसा ही एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है। यहाँ देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएँ बना रहे हैं |ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे।
इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, यानी कुछ समय बाद जब आप उज्जैन जाएंगे, तो महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे।