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Online Gaming Act India 2025 : नया ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 1 अक्टूबर से लागू : अश्विनी वैष्णव

नई दिल्ली । देश में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर लंबे समय से चल रही बहस अब एक नए मुकाम पर पहुंच गई है। केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि 1 अक्टूबर 2025 से नया ऑनलाइन गेमिंग एक्ट लागू होगा। इस एक्ट की जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। उन्होंने कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद देशभर में रियल मनी गेमिंग (Real Money Gaming) यानी पैसों पर आधारित सभी तरह के ऑनलाइन खेलों पर पूरी तरह प्रतिबंध (बैन) लगा दिया जाएगा।

क्या है नया ऑनलाइन गेमिंग एक्ट?

नया कानून मुख्य रूप से उन सभी ऑनलाइन गेम्स को टारगेट करता है जिनमें खिलाड़ी पैसे लगाकर खेलते हैं और हार-जीत के आधार पर इनाम या पैसा कमाते हैं। इसमें ऑनलाइन जुआ, बेटिंग, फैंटेसी स्पोर्ट्स, पोकर, रमी, सट्टेबाजी वाले गेम्स शामिल होंगे।

मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर देश में एक बड़ा आर्थिक और सामाजिक संकट पैदा हो रहा था। लाखों युवा और बच्चे इन प्लेटफॉर्म्स पर पैसा गंवा रहे थे। कई परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहे थे।

उन्होंने बताया कि नया एक्ट लागू होने के बाद:

  • किसी भी ऐप, वेबसाइट या गेमिंग प्लेटफॉर्म को रियल मनी गेमिंग की अनुमति नहीं होगी।
  • गैरकानूनी तरीके से चलने वाले गेमिंग ऐप्स और वेबसाइट्स पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
  • उल्लंघन करने वालों पर कड़ी सजा और भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

क्यों लगाया गया बैन?

पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री तेज़ी से बढ़ी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में करीब 50 करोड़ से ज्यादा लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या युवा और स्कूली बच्चे हैं।

  1. लत (Addiction) का खतरा – कई मामलों में देखा गया है कि युवा दिन-रात मोबाइल पर गेम खेलते रहते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई और कामकाज प्रभावित हो रहा है।
  2. आर्थिक नुकसान – रियल मनी गेमिंग ऐप्स पर हजारों-लाखों रुपये गवाने के बाद कई लोग कर्ज़ में डूब गए।
  3. सामाजिक असर – परिवार टूटने लगे, कई बार आत्महत्या जैसी घटनाएं सामने आईं।
  4. कानूनी अस्पष्टता – कई राज्यों में अपने-अपने स्तर पर कानून बने, लेकिन देशभर में एक統ित (uniform) नियम की कमी थी।

सरकार का पक्ष

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा –

“ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां बच्चों और युवाओं को लालच देकर पैसा खर्च करवाती हैं। यह सीधे तौर पर समाज और अर्थव्यवस्था पर बोझ डाल रहा था। इसलिए सरकार ने तय किया है कि अब भारत में रियल मनी गेमिंग पूरी तरह बैन होगा।”

उन्होंने यह भी साफ किया कि सिर्फ पैसों पर आधारित गेम्स पर बैन लगेगा।

  • सामान्य एंटरटेनमेंट गेम्स, ई-स्पोर्ट्स और स्किल-बेस्ड गेम्स (जहां असली पैसा दांव पर नहीं लगता) को अनुमति दी जाएगी।
  • यानी, PUBG, Free Fire जैसे बैटल गेम्स, चेस, कैरम, क्रिकेट जैसे ई-टूर्नामेंट गेम्स जारी रहेंगे।

इंडस्ट्री पर असर

भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री का बाजार करीब 30,000 करोड़ रुपये का है। हजारों स्टार्टअप्स और कंपनियां इसमें काम कर रही हैं।

  • फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म्स (Dream11, MPL, My11Circle आदि) को सबसे बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि इनका पूरा बिज़नेस मॉडल पैसों पर आधारित है।
  • कई विदेशी कंपनियों ने भी भारत में निवेश किया था, उन पर असर पड़ेगा।
  • लाखों लोगों की नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं।

हालांकि, सरकार का कहना है कि युवाओं और समाज के हित में यह कदम ज़रूरी है।

विपक्ष और कंपनियों की प्रतिक्रिया

इस फैसले के बाद विपक्षी दलों और गेमिंग कंपनियों ने सरकार पर सवाल उठाए हैं।

  • विपक्ष का कहना है कि सरकार ने बिना उद्योग से सलाह लिए अचानक कानून बना दिया। इससे रोजगार और स्टार्टअप सेक्टर को नुकसान होगा।
  • कंपनियां कह रही हैं कि यह उनके लिए एक बड़ा झटका है। वे इस मामले को अदालत में चुनौती देने की तैयारी कर रही हैं।

समाज की प्रतिक्रिया

  • कई माता-पिता और शिक्षाविदों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे बच्चों की लत कम होगी।
  • वहीं, कुछ युवा इसे मनोरंजन की आज़ादी पर रोक बता रहे हैं।

कानूनी प्रावधान

नए एक्ट के अनुसार:

  1. किसी भी प्लेटफॉर्म को असली पैसे वाले गेम्स चलाने की अनुमति नहीं होगी।
  2. नियम तोड़ने पर कंपनियों पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना और 5 साल तक की सजा हो सकती है।
  3. विदेशी सर्वर पर चलने वाले ऐप्स भी भारत में ब्लॉक किए जाएंगे।
  4. सभी राज्यों में यह कानून एक समान लागू होगा।

विशेषज्ञों की राय

  • कानून विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम युवाओं को सुरक्षित रखने के लिए सही है, लेकिन उद्योग को बचाने के लिए वैकल्पिक नीति भी होनी चाहिए।
  • टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को निगरानी और कंट्रोल के लिए अलग नियामक निकाय (Regulatory Authority) बनाना चाहिए था, न कि सीधा बैन।

आगे का रास्ता

सरकार ने साफ किया है कि वह एंटरटेनमेंट और ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करेगी। इसके लिए अलग से गेमिंग डेवलपमेंट पॉलिसी बनाई जाएगी।

इसके तहत:

  • भारतीय कंपनियों को वीडियो गेम डेवलपमेंट में बढ़ावा दिया जाएगा।
  • देशी स्टार्टअप्स को फंडिंग दी जाएगी।
  • स्किल-बेस्ड गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स को वैश्विक स्तर पर प्रमोट किया जाएगा।

“1 अक्टूबर 2025 से लागू होने वाला नया ऑनलाइन गेमिंग एक्ट देश में रियल मनी गेमिंग पर पूरी तरह रोक लगाएगा। यह फैसला युवाओं की सुरक्षा और सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए लिया गया है। हालांकि, इससे इंडस्ट्री और रोजगार पर असर पड़ेगा। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कानून कितना प्रभावी साबित होता है और गेमिंग सेक्टर किस तरह खुद को नए नियमों के मुताबिक ढालता है।”

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