महाराष्ट्र – मुंबई पुलिस की आठ महिला कांस्टेबलों के एक गुमनाम पत्र ने हड़कंप मचा दिया है। तीन पेज के इस पत्र की पुलिस गुपचुप तरीके से जांच कर रही है। इस पत्र के जरिए मुंबई पुलिस के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर बलात्कार, यौन शोषण, ब्लैकमेल और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। हालांकि, जिन महिला पुलिस कांस्टेबलों के नाम पर ये पत्र लिखे गए थे, उन्होंने पूछताछ में इन्हें फर्जी बताया है।
आठों महिला पुलिस कांस्टेबलों का कहना है कि उन्होंने यह पत्र नहीं लिखा है। पत्र स्पीड पोस्ट के जरिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजा गया था। पत्र में आठ महिला पुलिस ड्राइवरों के नाम का उल्लेख करते हुए दावा किया गया है कि तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके साथ बलात्कार किया, इस कृत्य का वीडियो बनाया और उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं।
हर माह 1000 रुपये की डिमांड करते हैं सीनियर
पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि वह तीन वरिष्ठों को हर महीने 1,000 रुपये दे रही थी क्योंकि वे उसे स्थानांतरित करने की धमकी दे रहे थे। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि एक शिकायतकर्ता के साथ एक बार एक अधिकारी के केबिन में बलात्कार किया गया था।
अधिकारियों के मोबाइल जब्त करने को कहा
पत्र में उच्च अधिकारियों से तीनों वरिष्ठ अधिकारियों के मोबाइल फोन जब्त कर उनके खिलाफ जांच करने को कहा गया है। एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पत्र में उल्लिखित दो महिला ड्राइवर छुट्टी पर हैं, जबकि अन्य छह महिलाएं आंखों में आंसू लेकर उनके पास आईं।
पत्र लिखने वाले की खोजबीन जारी
पिछले महीने महिला पुलिस ड्राइवरों को पुलिस स्टेशनों में स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह पत्र उन्होंने नहीं लिखा है। हम यह पता लगाने के लिए गोपनीय जांच कर रहे हैं कि पत्र किसने लिखा है।