
भोपाल – MP Election 2023 : मध्यप्रदेश का विधानसभा चुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए बहुत खास होने वाला है। क्योंकि इस बार सिर्फ बात चुनाव जीतने की नहीं बल्कि अपनी लाज बचाने की है। इसके बाद ठीक अगले दरवाजे पर लोकसभा चुनाव भी खड़ा है, तो उसके मद्देनजर भी ये चुनाव बेहद खास है। मध्य प्रदेश की सियासत इसलिए भी दूसरे राज्यों से इस बार अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां का सियासी गणित बाकी राज्यों से अलग है। पिछली बार प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल के चलते यहां कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। इसके बाद बीजेपी सत्ता में आई. तो इस सवाल का जवाब ढूंढना ज्यादा जरूरी हो जाता है कि क्या भाजपा इन चार सालों में अपना पैर जमाने में कामयाब हो पाई है या कांग्रेस पिछली बार की तरह ही इस बार भी BJP को मात दे देगी?
पिछली बार हार चुकी है भाजपा
एक तरफ जहां कांग्रेस बीजेपी को हराने की कवायद में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा भी पूरे मजबूती के साथ अपना पैर जमाए खड़ी है। अगर पिछले चुनाव के आंकड़े टटोले तो बीजेपी चुनाव में हार जाने के बाद विपक्ष के विधायकों का समर्थन जुटा कर सत्ता में आ गई। उस वक्त हार-जीत में महज 5 सीटों का फासला था। कांग्रेस 114 सीटों के साथ जीत दर्ज की तो बीजेपी के पाले में 109 सीटें आईं थीं। इसके बाद कांग्रेस की सरकार गिर जाने की वजह से बीजेपी चुनाव हारने के बाद भी 122 विधायकों के समर्थन से अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो गई। यह कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका था। इस जीत-हार की खेल में ये साफ आंका जा सकता है कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में बीजेपी को टक्कर देने के लिए किसी भी नजरिए से कमजोर नहीं है।
पार्टियों के लिए MP से होगा आगे का रास्ता साफ
अगर कांग्रेस को राज्य में हार का सामना करना पड़ता है, तो यह उसके लिए एक जोरदार झटका होगा और अपनी उपलब्धि साबित करने के लिए अन्य राज्यों के साथ ही लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को एक बड़ा उदाहरण मिल जाएगा। अगर राज्य में भाजपा अपनी सरकार बचाने में कामयाब हो जाती है, तो आगामी लोकसभा और अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों का रास्ता भी साफ हो जाएगा। इसके साथ ही वोटों पर बीजेपी की पकड़ इतनी मजबूत हो जाएगी कि उसे हिला पाना भी मुश्किल होगा। चूंकि बीजेपी मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी है, ऐसे में उसकी सत्ता वापसी जनता के बीच दोगुनी मजबूती के साथ विश्वास कायम करेगी।