
Kargil Vijay Diwas : कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आतंक के खिलाफ भारत की सख्त नीति को दोहराया। दिल्ली के नेशनल वॉर मेमोरियल में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि हाल ही में भारतीय सेना द्वारा अंजाम दिए गए “ऑपरेशन सिंदूर” ने पाकिस्तान और आतंकवाद के समर्थकों को स्पष्ट संदेश दे दिया है – “जो भारत की ओर आंख उठाएगा, वह बख्शा नहीं जाएगा।”
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए पुंछ और राजौरी हमलों के बाद सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर आतंकियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की। इसे ही “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया। इस अभियान में कई आतंकियों को ढेर किया गया, उनके ठिकानों को तबाह किया गया और हथियारों का जखीरा जब्त किया गया।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह एक रणनीतिक और भावनात्मक प्रतिकार था, जो भारत के शहीदों की शहादत का जवाब था।
कारगिल विजय दिवस: शौर्य की मिसाल
हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है, जब 1999 में भारत ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को करगिल की ऊंचाइयों से खदेड़कर विजय प्राप्त की थी। इस अवसर पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री समेत कई गणमान्य लोगों ने अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित की।
सेना प्रमुख ने कहा,
“कारगिल युद्ध हमारे जवानों की वीरता, समर्पण और राष्ट्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।“
“आज हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए संकल्प लेते हैं कि उनके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।“
पाकिस्तान को चेतावनी
जनरल द्विवेदी ने दो टूक कहा,
“भारत आतंकवाद के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति पर अडिग है। पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश है कि यदि वह आतंक का समर्थन जारी रखेगा तो उसे हर स्तर पर जवाब मिलेगा।“
उन्होंने आगे कहा की
- ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखा दिया है कि भारतीय सेना proactive रणनीति अपना रही है।
- यह एक मानसिक और रणनीतिक दबाव की नीति है, जिससे सीमा पार बैठे आतंकी संगठन व उनके संरक्षक देश बैकफुट पर आएं।
- करगिल विजय दिवस पर यह संदेश आने का उद्देश्य यह भी है कि भारत न केवल अतीत का सम्मान करता है, बल्कि वर्तमान और भविष्य में भी हर खतरे से निपटने को तैयार है।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सेना प्रमुख का यह संदेश देशवासियों में गर्व और सुरक्षा का भाव भरता है, वहीं भारत के विरोधियों के लिए यह एक स्पष्ट चेतावनी है – आतंक का समर्थन करोगे, तो अंजाम भुगतोगे।




