क्या अब भी बना हुआ है कोरोना का खतरा? क्या वैक्सीन ले चुके लोग भी होंगे संक्रमित?

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव डॉ पी के मिश्रा ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति और तैयारियों की समीक्षा के लिए हाई लेवल बैठक की अध्यक्षता की है। इस बैठक में स्वास्थ्य सचिव ने कोविड-19 वैश्विक स्थिति के बारे में बताया, जिसमें SARS-CoV-2 वायरस के कुछ नए वेरिएंट जैसे BA.2.86 (पिरोला) और EG.5 (एरिस) शामिल हैं, जो विश्व स्तर पर रिपोर्ट किए गए हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने बैठक में बताया कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, जहां कोरोना वेरिएंट EG.5 (एरिस) 50 से अधिक देशों में रिपोर्ट किया गया है, वहीं वेरिएंट बीए.2.86 (पिरोला) चार देशों में है। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि पिछले 7 दिनों में वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के कुल 2,96,219 नए मामले सामने आए, जबकि भारत मे 223 मामले दर्ज किए हैं। कोविड के मामलों का रोजाना औसत 50 से नीचे बना हुआ है। वहीं वीकली टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 0.2 प्रतिशत से कम है।
प्रधान सचिव डॉक्टर पीके मिश्रा अधिकारियों के साथ हाई लेवल की बैठक में कोरोना के नए वेरियंट की कड़ी निगरानी करने के साथ-साथ जीनोम सिक्वेंसिंग के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि देश में कोविड की स्थिति स्थिर बनी हुई है और पब्लिक हेल्थ सिस्टम तैयार है, लेकिन राज्यों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और सीवर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआरआई) के मामलों पर भी नजर रखने की जरूरत है।
WHO कोरोना के खतरे को लेकर दे चुका चेतावनी
अभी हाल ही में WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि कोविड-19 अब दुनिया के लिए हेल्थ इमरजेंसी नहीं है, लेकिन यह अभी भी एक ‘वैश्विक स्वास्थ्य खतरा’ बना हुआ है। कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट पहले से ही जांच के दायरे में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख गुजरात की राजधानी गांधीनगर के महात्मा मंदिर कन्वेंशन सेंटर में G-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
कोरोना गाइडलाइंस का अनिवार्य रूप से पालन करने की अपील
वैज्ञानिक इस वैरिएंट पर करीब से नजर रखे हुए हैं। इसकी वजह ये है कि इस वैरिएंट में 36 म्युटेशन दिखे हैं, जो इसे कोरोना के मौजूदा प्रभावी कोरोना वैरिएंट एक्सबीबी.1.5 से इसे अलग करते हैं। हालांकि अभी तक इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि कोरोना का यह नया वैरिएंट तेजी से फैलता है और लोगों को गंभीर रूप से बीमार करता है लेकिन अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सेंटर ने नए वैरिएंट को देखते हुए लोगों को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की है।
अब वैक्सीन भी नहीं रहेगी असरदार
ह्यूस्टन मेथोडिस्ट अस्पताल के डायगोनस्टिक माइक्रोबायोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. एस वेसले लॉन्ग ने बताया कि बीए.2.86 वैरिएंट कोरोना के शुरुआती वैरिएंट से ही बना है। ऐसे में यह उन वैरिएंट से अलग है, जिनसे लड़ने के लिए हमारी वैक्सीन बनी हैं। ऐसे में अगर बीए.2.86 वैरिएंट ने खतरनाक रूप लिया तो हो सकता है कि इससे कोरोना महामारी की नई लहर आ जाए और खतरनाक बात ये होगी कि मौजूदा वैक्सीन भी उस पर उतनी असरकारक नहीं होगी।
संक्रमण बढ़ा लेकिन अस्पताल में भर्ती नहीं हो रहे लोग
हाल के समय में अमेरिका, यूरोप और एशिया में कोरोना के मामले बढ़े हैं और अधिकतर मरीजों में कोरोना के ओमिक्रोन के ईजी.5 सबवैरिएंट का संक्रमण मिला है। ओमिक्रोन वैरिएंट पहली बार नवंबर 2021 में मिला था और उस दौरान अमेरिका में कोरोना संक्रमित होने वाले लोगों में 17 प्रतिशत मरीज ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित हुए। अभी कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है लेकिन राहत की बात ये है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले लोग अभी काफी कम हैं लेकिन बीए.2.86 को लेकर आशंका जताई जा रही है कि इससे संक्रमित मरीज गंभीर रूप से बीमार हो सकते है।