
नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया है। संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने शुक्रवार को आयोजित 80वें संयुक्त राष्ट्र दिवस की खुली बहस में पाकिस्तान से अपने अवैध कब्ज़े वाले क्षेत्रों (PoK) में चल रहे मानवाधिकार उल्लंघनों को रोकने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपने कब्ज़े वाले जम्मू-कश्मीर में दमन, सैन्य नियंत्रण और संसाधनों के शोषण को समाप्त करना चाहिए।
भारत ने उठाया पीओके में मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने कहा —
“हम पाकिस्तान से अपने अवैध कब्ज़े वाले क्षेत्रों में, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में, गंभीर और निरंतर मानवाधिकार उल्लंघनों को समाप्त करने का आह्वान करते हैं। वहां की जनता पाकिस्तान के सैन्य कब्ज़े, दमन, क्रूरता और संसाधनों के अवैध दोहन के विरुद्ध खुले विद्रोह पर है।”
उन्होंने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन अब दुनिया उसकी नीतियों को अच्छी तरह समझ चुकी है।
“जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग”
भारतीय प्रतिनिधि ने अपने संबोधन में दोहराया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और रहेगा। उन्होंने कहा —
“मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहता हूं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग रहा है, है और हमेशा रहेगा।”
हरीश ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं के तहत अपने मौलिक अधिकारों का उपयोग करते हैं।
उन्होंने तीखे लहजे में कहा —
“ये अवधारणाएं पाकिस्तान के लिए अपरिचित हैं, क्योंकि वहां आज भी लोकतंत्र और मानवाधिकारों का गला घोंटा जा रहा है।”
भारत का संदेश: ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना और वैश्विक सहयोग
राजदूत हरीश ने अपने वक्तव्य में भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की नीति पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा विश्व को एक परिवार के रूप में देखता है और सभी समाजों के लिए न्याय, सम्मान और समृद्धि की वकालत करता है।
“यह न केवल एक दृष्टिकोण है जो हमारे विश्वदृष्टिकोण का आधार है, बल्कि यही कारण है कि भारत ने सभी समाजों और लोगों के लिए न्याय, अवसर और समृद्धि की निरंतर वकालत की है।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत बहुपक्षवाद (Multilateralism) और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में अपना अटूट विश्वास रखता है।
पाकिस्तान की असलियत उजागर
भारत के इस बयान से एक बार फिर यह स्पष्ट संदेश गया है कि पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे के नाम पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर झूठ फैलाने की कोशिशें अब कारगर नहीं होंगी।
संयुक्त राष्ट्र में भारत का यह रुख यह दर्शाता है कि देश अपनी सार्वभौमिकता और क्षेत्रीय अखंडता से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा।
“भारत ने संयुक्त राष्ट्र में न केवल पाकिस्तान के झूठे प्रचार का जवाब दिया, बल्कि पूरी दुनिया के सामने यह भी स्पष्ट किया कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा।
भारत की विदेश नीति आज विश्व पटल पर संतुलन, सहयोग और सशक्त राष्ट्रवाद का प्रतीक बन चुकी है।
UN में पार्वथानेनी हरीश का यह बयान पाकिस्तान के लिए एक कड़ा संदेश है — मानवाधिकारों का सम्मान करो, झूठी राजनीति छोड़ो।”




