अगर आप भी करते हैं क्रेडिट और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल, तो हो जाईए सावधान, 1 अक्टूबर से लगने जा रहा है टैक्स

नई दिल्ली – International Credit Card : विदेश में इंटरनेशनल क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना अब 1 अक्टूबर से महंगा होने वाला है। विदेश में इसके इस्तेमाल करने पर अब 20 फीसदी का TCS यानी टैक्स कलेक्शन एट सोर्स लगेगा। आपको बताते चलें, सरकार द्वारा इस सेल पेश किए गए बजट TCS को 5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया था। विदेश में अब इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल लिब्रलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम यानी LRS के तहत आएगा।
7 लाख तक दी गई है छूट
विदेश में अगर आप एक वित्तीय वर्ष के दौरान इंटरनेशनल डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 7 लाख तक का खर्च करते हैं को आपको 20 फीसदी का TCS नहीं लगेगा लेकिन जैसे ही आप 7 लाख से एक रुपए भी ज्यादा खर्च करते हैं को फिर पूरी रकम पर आपको 20 फीसदी TCS के रूप में 1 लाख 60 हजार रुपए चुकाने होंगे। विदेश में अगर आपने में एजुकेशन और इलाज पर 7 लाख से ज्यादा राशि खर्च किए हैं तो उस पर TCS की नई दरें लागू नहीं होंगी।
जानिए क्या है TCS
TCS यानी टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स होता है। इसका भुगतान आमतौर पर सेलर, डीलर, वेंडर और दुकानदार करते हैं। हालांकि, वह कोई भी सामान बेचते हुए खरीदार या ग्राहक से वो वसूलता है। खरीदार या ग्राहकों से वसूलने के बाद इसे जमा करने का काम सेलर या दुकानदार का होता है। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 206C में इसे कंट्रोल किया जाता है। इस तरह का टैक्स तभी काटा जाता है जब पेमेंट एक सीमा से ज्यादा होता है।
डेबिट-क्रेडिट कार्ड पर नया नियम
आरबीआई ने प्रस्ताव दिया है कि आपको अपने डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड के लिए नेटवर्क प्रोवाइडर को चुनने का विकल्प दिया जाएगा। फिलहाल जब आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो नेटवर्क प्रोवाइडर आमतौर पर कार्ड जारीकर्ता द्वारा तय किया जाता है। आरबीआई चाहता है कि 1 अक्टूबर से बैंक कई नेटवर्क्स पर कार्ड्स ऑफर करें। और ग्राहकों को उनका पसंदीदा कार्ड नेटवर्क चुनने का विकल्प दें। ग्राहक इस विकल्प का उपयोग कार्ड लेते समय या बाद में कर सकते हैं।