नई दिल्ली – History of 13 October : आज का इतिहास भारतीय हिंदी सिनेमा के उस हरफनमौला सितारे से जुड़ा है। जिसके हिंदी सिनेमा में एक नया आयाम छुआ और आज ही के दिन यानि 13 अक्टूबर 1987 को दुनिया को अलविदा कह दिया था। हम बात कर रहे हैं। हिंदी सिनेमा के कोहिनूर कहे जाने वाले किशोर कुमार की। किशोर कुमार एक अभिनेता, संगीतकार, गायक, लेखक, निर्देशक और निर्माता थे। उन्होंने अपने फिल्मी करियार की शुरूआत एक अभिनेता के रूप में फिल्म शिकारी (1946) से हुई। इस फिल्म में उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने लीड रोल निभाया था। वहीं, उन्हें पहली बार गाने का मौका मिला 1948 में बनी देव आनंद स्टारर फिल्म जिद्दी में। किशोर कुमार को सबसे ज्यादा पॉपुलैरिटी मिली उनके गाए हिंदी गानों से जो आज भी सदाबहार हैं।
आज का इतिहास उस भारतीय राजनेता से भी जुड़ा है, जो देश के तीन बार प्रधानमंत्री बने और उन्हें अजातशत्रु कहा गया। आज ही के दिन 13 अक्टूबर 1999 में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री चुने गए और यह प्रधानमंत्री के तौर पर उनका पहला कार्यकाल था, जिसे उन्होंने पूरा किया। इससे पहले 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में वाजपेयी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। लेकिन उनकी सरकार 13 दिनों में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाने के चलते गिर गई थी। 1998 में दोबारा लोकसभा चुनाव हुए और अन्य पार्टियों के सहयोग से वाजपेयी ने NDA का गठन किया और वे फिर प्रधानमंत्री बने। यह सरकार 13 महीनों तक चली, लेकिन बीच में ही जयललिता की पार्टी ने सरकार का साथ छोड़ दिया, जिसके चलते सरकार गिर गई थी। 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में वाजपेई फिर से जीतकर आए थे।
आज का इतिहास दुनिया के सबसे शक्तिशाली कहे जाने वाले देश से भी जुड़ी हुआ है। आज ही के दिन 13 अक्टूबर 1792 को आधिकारिक तौर पर व्हाइट हाउस का निर्माण शुरू हुआ था। 16 जुलाई 1790 को अमेरिकी कांग्रेस ने रेजिडेंस एक्ट पास किया था। एक फ्रेंच इंजीनियर को प्रेसिडेंट हाउस के सर्वे के लिए अपॉइन्ट किया, जिसके बाद व्हाइट हाउस की जगह तय हुई। मार्च 1792 में कमीशन ने व्हाइट हाउस के लिए नेशनल डिजाइन कॉम्पिटिशन का विज्ञापन दिया और इसी साल जुलाई में आयरलैंड के आर्किटेक्ट जेम्स होबन के डिजाइन को व्हाइट हाउस के लिए सिलेक्ट किया गया।। करीब 8 सालों बाद 1 नवंबर 1800 को व्हाइट हाउस का निर्माण पूरा हुआ। व्हाइट हाउस को दुनिया के सबसे ताकतवर नेता का घर कहा जाता है।
13 अक्टूबर का इतिहास
1884: आज के दिन यह तय किया गया था कि ग्रीनविच मीन टाइम, दुनिया का मानक समय होगा। ग्रीनविच दक्षिण पूर्वी लंदन का हिस्सा है।
1911 : स्वामी विवेकानंद की शिष्या मार्गेरेट एलिजाबेथ नोबेल का मात्र 43 वर्ष की आयु में निधन। उन्हें उनके गुरु ने सिस्टर निवेदिता का नाम दिया था।
1943 : इटली ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1976 : बोलिविया के दक्षिण में एक ‘बोइंग 707’ के दुर्घटनाग्रस्त होकर रिहाइशी इलाके में गिरने से कई लोगों की मौत।
1976: बोलिविया में बोइंग जेट विमान दुर्घटनाग्रस्त, करीब 100 लोगों की मौत।
1987: कोस्टारिका के राष्ट्रपति ऑस्कर ऑरियस को शांति का नोबेल पुरस्कार मिला।