नई दिल्ली – Delhi Liquor Case : साल 2021 में जब दिल्ली की नई आबकारी नीति लागू हुई तो दावा किया गया कि इससे राजस्व बढ़ेगा और इस नीति से माफिया राज खत्म होगा। लेकिन हुआ ऐन उलटा। मामले के एक साल के भीतर ही आबकारी नीति भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गई। 31 जुलाई 2022 के कैबिनेट नोट में सरकार ने यह भी माना कि नई आबकारी नीति लागू होने के बाद जबरदस्त बिक्री तो हुई लेकिन राजस्व में फायदे की जगह भारी नुकसान हुआ। इस मामले में तत्कालीन सचिव ने एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी थी।
रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का दावा
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक्साइज पॉलिसी में अनियमितताएं हुई हैं, साथ ही पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगाया गया है। बाद में मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर एलजी ने सीबीआई जांच शुरू की। सीबीआई ने कई जगहों पर छापेमारी की और कई गिरफ्तारियां की। अब इसी मामले में ईडी ने आप नेता संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
छापेमारी के बाद गिरफ्तारी
प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की। इसे लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और अन्य दलों के नेताओं ने भी केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी सरकार पर हमला बोला।
संजय सिंह पर कई मामले दर्ज
एडीआर के मुताबिक संजय सिंह पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से कुछ मामले यूपी के भी हैं। संजय सिंह पर मानहानि समेत कुल 4 मामले दर्ज थे, जबकि 13 एफआईआर भी दर्ज हैं। ये आंकड़ा साल 2018 का है इसलिए इसमें बढ़ोतरी भी हो सकती है।
यहां आपको बता दें कि संजय सिंह लंबे समय से आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं। वह आप के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और अरविंद केजरीवाल के करीबी नेताओं में जाने जाते हैं।
संजय सिंह पर क्या है आरोप?
ईडी की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपये का चंदा लेने का आरोप है। इसी को लेकर बुधवार को ईडी उनके घर पहुंची और उनसे पूछताछ की। दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट 2 मई को जारी हुई थी। जिसमें आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम आया था। हालांकि, उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।