
CM Yogi Adityanath MP Visit: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जा रहे हैं। इस दौरान सबसे पहले उज्जैन आकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेंगे। इसके बाद वे फिर इंदौर पहुंचकर कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन जा रहे हैं। जहा वह भतृहरि गुफा के दर्शन करेंगे।
नाथ संप्रदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं योगी आदित्यनाथ
महंत रामनाथ महाराज ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है। उन्होंने यह भी बताया कि योगी आदित्यनाथ के उज्जैन आने को लेकर सुरक्षाकर्मी पहुंच चुके हैं। वे बगलामुखी धाम में ही रुके हुए हैं।
सबसे पहले महाकाल का आशीर्वाद लेंगे सीएम
योगी आदित्यनाथ इंदौर में पहुंचने के बाद में सबसे पहले उज्जैन आकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेंगे। इसके बाद स्थानीय कार्यक्रम में हिस्सा लेकर फिर इंदौर के लिए रवाना होंगे। इसके बाद में इंदौर में आयोजित कार्यक्रम हिस्सा लेंगे।
भतृहरि गुफा के दर्शन करेंगे योगी, जानिए कौन थे भतृहरि जिनकी गुफा में दर्शन?
वैसे तो उज्जैन में भतृहरि गुफा के परिचय की कोई खास आवश्यकता नहीं है, लेकिन चूंकि आज उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस गुफा में ध्यान के लिए पहुंच रहे हैं, इसलिए आज फिर से इसकी चर्चा लाजमी है। आज की चर्चा में हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि यूपी के सीएम योगी का इस गुफा से क्या कनेक्शन है और उनके आने से गुफा चर्चा में क्यों है। दरअसल सीएम योगी ना केवल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री है, बल्कि वह गोरक्ष धाम पीठाधीश्वर होने के साथ ही अखिल भारतीय भेष बारह पंथ नाथ संप्रदाय के अध्यक्ष और भतृहरि गुफा के प्रबंधक भी हैं।
राजा भतृहरि का गोरक्ष पीठ के संस्थापक गुरु गोरखनाथ से बहुत गहरा संबंध है। दरअसल गोरखनाथ की वजह से ही राजा भतृहरि राजपाट त्याग कर सन्यास लिए और योगी बनकर दूनिया में विख्यात हो गए। अब यहां उनके योगी बनने की कथा जान लीजिए। उत्तर पौराणिक काल में उज्जैनी के प्रतापी शासक भतृहरि की कई पत्नियां थीं, लेकिन वह तो अपनी सबसे छोटी रानी पिंगला पर फिदा थे। उनकी आसक्ति ऐसी थी कि उनका राजपाट में मन नहीं लगता ओर दिनों रात छोटी रानी को रिझाने में लगे रहते।
लेकिन छोटी रानी तो कोतवाल को प्रेम करती थी और राजा को केवल नाम के लिए मान देती थी। संयोग से गोरक्ष पीठ के संस्थापक गोरखनाथ भ्रमण करते हुए उज्जैन पहुंचे तो राजा भर्तृहरि ने उन्हें दरबार किया। उस समय अपने आदर सत्कार से प्रसन्न होकर गुरु गोरखनाथ ने राजा को एक फल दिया। कहा कि इस फल के सेवन से आप हमेशा जवान रहेंगे। चूंकि राजा छोटी रानी पिंगला पर मोहित थे और चाहते थे कि उसका यौवन सदैव बना रहे। इसलिए उन्होंने यह फल रानी को दे दिया।
रानी ने कोतवाल को दिया फल
इधर रानी ने इस फल को लेने के बाद सोचा कि उसकी जवानी का अर्थ तो तभी है जब उसका प्रेमी कोतवाल जवान बना रहे। इसलिए रानी ने वह फल कोतवाल को दे दिया। लेकिन कोतवाल भी रानी से नहीं बल्कि एक वेश्या के प्रेम में पागल था। इसलिए उसने यह फल वेश्या को दे दिया। वेश्या इस फल को पाकर बहुत खुश हुई, लेकिन फल हाथ में आते ही उसके मन के विकार दूर हो गए। उसने सोचा कि यदि उसकी जवानी बनी रही तो वह यह घृणित कार्य करती रहेगी।
इसलिए यदि यह फल राजा को दे दिया जाए तो उसे घृणित कार्य ज्यादा समय तक नहीं करने होंगे। वहीं राजा जवान रहेंगे तो राजपाट और बेहतर तरीके से करेंगे। इसलिए उसने यह फल राजा भतृहरि को दे दिया। लेकिन यहां मामला उल्टा पड़ गया। इस फल को देखते ही राजा पहचान गए और उन्होंने वेश्या से पूछा कि यह फल उसे कहां से मिला। फिर वेश्या ने बताया कि कोतवाल ने दिया तो कोतवाल से पूछा गया, वहीं कोतवाल के बताने पर रानी को दरबार में पेश किया गया।
पत्नी की बेवफाई से हुआ वैराग्य
पति से धोखा पकड़े जाने पर रानी ने अपनी गलती मान तो ली, लेकिन यहीं पर राजा को वैराग्य आ गया। उन्होंने तत्काल अपना राजपाट छोटे भाई विक्रमादित्य को सौंप दिया और उज्जैन की इसी गुफा में आकर 12 वर्षों तक तपस्या की। आज इसी गुफा में योगी आदित्यनाथ ध्यान और पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर बाबा महाकाल की पूजा करेंगे। इसके बाद वह यहां आएंगे और गुरूजनों के दर्शन करेंगे। सीएम योगी का यहां 101 बटुक मंत्रोच्चारण के साथ स्वागत कर त्रिशूल भेंट करेंगे।