
Barabanki University Protest : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी स्थित श्रीराम स्वरूप स्मारक यूनिवर्सिटी में सोमवार को हुए लाठीचार्ज ने बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। इस लाठीचार्ज में करीब 25 छात्र और ABVP कार्यकर्ता घायल हो गए, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के बाद से ही छात्र संगठनों में गुस्सा और विपक्षी दलों में सरकार पर निशाना साधने का सिलसिला जारी है।
कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?
सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में डिग्री संबंधी विवाद को लेकर छात्रों और ABVP कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन बढ़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई छात्र घायल हो गए।
- देर रात राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल लिया।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले पर तुरंत संज्ञान लिया और कड़े निर्देश जारी किए।
सीएम योगी की सख्ती, पुलिस अधिकारियों पर गिरी गाज
लाठीचार्ज पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए तुरंत कार्रवाई की।
- सीओ नगर हर्षित चौहान को पद से हटा दिया गया।
- नगर कोतवाली प्रभारी रामकिशन राणा और गदिया चौकी प्रभारी समेत पूरी पुलिस टीम को लाइन हाजिर कर दिया गया।
- मामले की जांच अयोध्या रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार को सौंपी गई।
जांच के लिए यूनिवर्सिटी पहुंचे अफसर
सीएम के आदेश के बाद मंगलवार को अयोध्या मंडलायुक्त और आईजी प्रवीण कुमार रामस्वरूप विश्वविद्यालय पहुंचे।
- अफसरों ने विश्वविद्यालय परिसर का जायजा लिया और सबूत इकट्ठा किए।
- IG प्रवीण कुमार ने कहा कि जांच निष्पक्ष तरीके से होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
ABVP कार्यकर्ताओं और छात्रों का आक्रोश
लाठीचार्ज के बाद से ही ABVP कार्यकर्ताओं और छात्रों में गुस्सा भड़क उठा।
- मंगलवार को लखनऊ विधानसभा घेराव करने पहुंचे छात्रों को पुलिस ने रोका।
- स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर इको गार्डन भेज दिया।
विपक्ष का हमला, अखिलेश यादव का ट्वीट
इस मामले को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है।
- समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया।
- वीडियो में पुलिसकर्मी ABVP कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाते दिख रहे हैं।
- अखिलेश ने लिखा – “बाराबंकी में छात्रों पर लाठीचार्ज, सरकार की नाकामी और हताशा की निशानी है।”
“बाराबंकी का यह मामला अब केवल कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह राजनीतिक तकरार का केंद्र बन गया है। एक ओर सरकार कड़े कदम और निष्पक्ष जांच की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे सरकार की विफलता करार दे रहा है। अब देखना यह होगा कि जांच में क्या निकलकर आता है और छात्रों को न्याय दिलाने के लिए सरकार क्या ठोस कदम उठाती है।”