
नई दिल्ली – AK-203 Assault Rifles : भारतीय सेना की ताकत अब और भी ज्यादा शक्तिशाली होने वाली है। उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थित कोर्वा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से बनी असॉल्ट राइफल कलाशनिकोव AK-203 की पहली खेप बनकर तैयार हो गई है। इन राइफल्स को जल्दी इंडियन आर्मी को सौंपा जाएगा। जिसके बाद इसका इस्तेमाल रेगुलर ऑपरेशन में सेना शुरू कर देगी।
इंडो-रसियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड का ज्वाइंट वेंचर
एके-203 प्रोजेक्ट की घोषणा साल 2018 में की गई थी लेकिन इसकी कॉस्टिंग, रॉयल्टी और टेक्नोलॉजी को लेकर बात नहीं बन पा रही थी इसलिए इस प्रोजेक्ट के शुरू होने में इतनी देरी हुई। अब इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट में राइफल्स का निर्माण शुरू हो गया है।
डिलीवरी जल्द
उत्तर प्रदेश के अमेठी में कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में 7.62 एमएम असॉल्ट राइफलों की पहली खेप का उत्पादन हुआ है। भारतीय सेना को इसकी डिलीवरी जल्द होगी। इसके साथ ही कारखाने के पास भारत के दूसरे सुरक्षाबलों को भी हथियार मुहैया कराने की क्षमता है। इसके अलावा कंपनी के पास हथियारों को दूसरे देशों को भी निर्यात करने की क्षमता है।
एके-203 असॉल्ट राइफल की खूबियां
एके 203 राइफल एके सीरीज की सबसे घातक और आधुनिक राइफल है। इसमें वे सभी खूबियां हैं, जो पारंपरिक AK सीरीज में थी। रूस ने इसे 2018 में तैयार किया था। एके 203 असॉल्ट राइफल्स हल्की है और हर मौसम में कारगर है। इस हथियार से एक मिनट में 700 राउंड फायरिंग की जा सकती है। इसकी रेंज 500 से 800 मीटर है। एक मैगजीन में 30 राउंड की फायरिंग की क्षमता है। एके 203 असॉल्ट राइफल का वजन 3.8 किलोग्राम है। जबकि इसकी लंबाई 705 मिलीमीटर है।
एके-203 असॉल्ट राइफल की खूबियां
- AK सीरीज की सबसे हल्की राइफल
- एके-203 कर मौसम में करती है काम
- एके-203 एक मिनट में दागती है 700 गोली
- एके-203 की रेंज 800 मीटर तक है
- एके-203 की एक मैगजीन में 30 गोली आती है
- एके-203 का वजन 3.8 किलोग्राम है
- एके-203 की लंबाई 705 मिलीमीटर है