
अहमदाबाद : जून में हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के भीषण हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में विश्वास कुमार रमेश अकेले जीवित बचे व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं, लेकिन अब अपने परिवार के बिना पूरी तरह अकेला महसूस करते हैं।
हादसा कैसे हुआ
लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद में एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।
विमान में 241 लोग सवार थे — जिनमें से कोई भी जीवित नहीं बच सका, सिवाय विश्वास कुमार रमेश के।
विश्वास अपने छोटे भाई अजय के साथ इस फ्लाइट में सवार थे। हादसे के बाद वह सीट 11A से किसी तरह फ्यूजलाज में बने छेद से बाहर निकलने में सफल रहे, जबकि उनके भाई की मौके पर ही मौत हो गई।
विश्वास ने मीडिया से कहा,
“मैं अब भी यकीन नहीं कर पाता कि मैं बच गया। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है, लेकिन मेरे भाई के बिना मैं अधूरा हूं।”
“अब किसी से बात करने का मन नहीं करता”
विश्वास ने बताया कि हादसे के बाद उनका जीवन पूरी तरह बदल गया है।
उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों ही गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।
“मेरे पैर, कंधे और पीठ में लगातार दर्द रहता है। मैं न तो काम कर पाता हूं, न गाड़ी चला पाता हूं। जब मैं चल नहीं पाता तो मेरी पत्नी मुझे संभालती हैं, लेकिन अब मैं किसी से बात नहीं करना चाहता। बस अकेले रहना चाहता हूं,” उन्होंने कहा।
डॉक्टरों की रिपोर्ट — PTSD का शिकार हैं विश्वास
डॉक्टरों के अनुसार, विश्वास पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) से पीड़ित हैं।
यह एक मानसिक स्थिति है जो किसी बड़े हादसे या सदमे के बाद विकसित होती है।
विश्वास ने बताया कि ब्रिटेन लौटने के बाद भी उनका इलाज ठीक से शुरू नहीं हो पाया है।
“मेरी मां हर दिन घर के बाहर बैठती हैं लेकिन किसी से बात नहीं करतीं। हमारा परिवार पूरी तरह टूट चुका है,” उन्होंने बताया।
हादसे ने छोड़ी गहरी चोट
एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 का यह हादसा भारत के विमानन इतिहास के सबसे भीषण हादसों में गिना जा रहा है।
241 यात्रियों में से केवल एक व्यक्ति का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है, लेकिन विश्वास कहते हैं कि यह चमत्कार भी उन्हें खुशी नहीं दे पा रहा।
उन्होंने कहा “मैं जिंदा हूं, लेकिन अंदर से मर चुका हूं,”।




