Adhik Maas Amavasya 2023: अधिकमास की अमावस्या पर होगी आपकी हर मनोकामना , 19 साल बाद बना है सावन में योग

नई दिल्ली – Adhik Maas Amavasya 2023: जिस प्रकार से सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है, वैसे ही पुरुषोत्तम मास या अधिकमास का यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। श्रावण मास के बीच 18 जुलाई से अधिक मास शुरू हो चुका है और इसका समापन 16 अगस्त 2023 को होगा। सावन में अधिक मास का संयोग पूरे 19 साल बाद बन रहा है।
अमावस्या का महत्व
अमावस्या के दिन स्नान-दान और तर्पण इत्यादि कर्म करने से साधकों को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। वहीं, कालसर्प दोष निवारण की पूजा करने के लिए भी अमावस्या का दिन उपयुक्त होता है। इस विशेष दिन पर पीपल के पेड़ की उपासना करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
मिलेगा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद
अधिकमास अमावस्या की शाम को घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाएं। बत्ती के रूप में लाल रंग के धागे का उपयोग करें, इसमें थोड़ा केसर भी डालें। इस उपाय से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है।
भोलेनाथ को चढ़ाएं फूल
अमावस्या के दिन भोले शंकर को शमी के पत्ते और बेलपत्र अर्पित करें। ऐसा करने पर आपको जीवन में आ रहे कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस दिन भगवान शिव पर कनेर का फूल चढ़ाने से व्यक्ति को कई प्रकार के शारीरिक कष्टों से भी छुटकारा मिलता है।
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
इस विशेष दिन पर सुबह उठकर नदी में स्नान कर पिंडदान और श्राद्ध कर्म करें। ऐसा कनरे पर पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। अमावस्या के दिन शिवलिंग पर तिल चढ़ाने से पितृ शांत होते हैं। साथ ही पितृ दोष दूर होता है।
नकारात्मक ऊर्जा से मिलेगा मुक्ति
अमावस्या के पानी में खड़ा नमक डालकर पौंछा लगाएं। ऐसा करने घर में मौजूद से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। जिससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
डिसक्लेमर-
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