Vishwakarma jayanti 2023: कब है विश्वकर्मा जयंती, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व

नई दिल्ली – Vishwakarma Jayanti 2023 Date: विश्वकर्मा जयंती हर वर्ष कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष 17 सितंबर, रविवार के दिन विश्वकर्मा जयंती मनाई जाएगी। भगवान विश्वकर्मा, ब्रह्मा जी के पुत्र हैं। इस दिन उनकी उपासना करने से साधक को व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर पढ़िए पौराणिक कथा।
विश्वकर्मा जयंती का महत्व
भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं के अस्त्रों से लेकर उनके सिंहासन और महलों का निर्माण किया है। विश्वकर्मा ने सोने की लंका से लेकर श्री कृष्ण की द्वारिका और पांडवों के इंद्रप्रस्थ का निर्माण भगवान विश्वकर्मा द्वारा ही किया गया था। भगवान विश्वकर्मा ने ही महर्षि दधीचि की हड्डियों से इंद्र के लिए वज्र बनाया था।
इसके साथ ही महादेव के त्रिशूल, श्री हरि के सुदर्शन चक्र और हनुमान जी की गदा जैसे कई अस्त्र-शस्त्र भी बनाएं। पुस्तक विमान के निर्माण का श्रेय भी विश्वकर्मा जी को जाता है। विश्वकर्मा पूजा के दिन पर कामकाजी लोग अपने बेहतर भविष्य और अपने कार्यक्षेत्र में सफलता पाने के लिए विश्वकर्मा जी की पूजा करते हैं। साथ ही इस दिन मशीनों, औजार और वाहन आदि की भी पूजा की जाती है।
विश्वकर्मा पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन समय में काशी में एक रथकार अपनी पत्नी के साथ रहता था। वह अपने काम में बड़ा ही निपुण था, लेकिन इसके बाद भी उसका जीवन अभावों से भरा हुआ था। उस रथकर के कोई पुत्र भी नहीं था। पुत्र की प्राप्ति के लिए वह और उसकी पत्नी दोनों साधु-संतों के पास जाया करते थे, लेकिन इसके बाद भी उनकी इच्छा पूरी नहीं हो सकी।
एक दिन उनके पड़ोसी ने उन्हें भगवान विश्वकर्मा की शरण में जाने को कहा। उन्होंने ऐसा ही किया और दोनों ने अमावस्या तिथि पर व्रत रखकर भगवान विश्वकर्मा जी का महात्म्य सुना। इस व्रत के प्रताप से उन्हें पुत्र और धन दोनों की प्राप्ति हुई और वह दोनों खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत करने लगे।
नौकरी में तरक्की के लिए
विश्वकर्मा पूजा के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें, उन्हें फूल, हल्दी, कुमकुम, नारियल अर्पित करें। अब इस दिन कुष्ट रोगियों को फल, जल या अन्न पेय पदार्थ बांटें। मान्यता है इससे नौकरी में तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
आर्थिक लाभ के लिए
विश्वकर्मा जयंती के दिन कार्यस्थल पर मशीनरी की पूजा कर ऊं आधार शक्तपे नम: मंत्र का जाप करें। मान्यता है इससे व्यापार अच्छा फलफूलता है। कार्य में कुशलता आती, यहां तक की व्यक्ति की काम में भी विकास होता है, जो उसे धन लाभ देता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि republicnow.in किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह)