
Akhilesh Dubey Gang : कानपुर के चर्चित वकील अखिलेश दुबे पर पुलिस का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। ‘ऑपरेशन महाकाल’ के तहत बुधवार को गिरफ्तार किए गए अखिलेश पर भाजपा नेता रवि सतीजा की तहरीर पर पहली एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसमें उन पर पॉक्सो एक्ट का झूठा केस दर्ज कराने और 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद से रोज़ नए-नए मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें कानून के दुरुपयोग कर बड़े पैमाने पर उगाही करने का खेल बेनकाब हो रहा है। पुलिस और एसआईटी इस पूरे नेटवर्क की तह तक पहुंचने में जुटी है।
पहली गिरफ्तारी और शुरुआती आरोप
रवि सतीजा ने बुधवार दोपहर 3:02 बजे कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि अखिलेश ने उन्हें फंसाने के लिए पॉक्सो की फर्जी एफआईआर दर्ज कराई और 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। पुलिस ने साकेत नगर निवासी अखिलेश को पकड़कर पूछताछ की और रात में गिरफ्तार कर लिया। उनके सहयोगी लवी मिश्रा को भी हिरासत में लिया गया।
दो और मुकदमे, कुल चार केस दर्ज
शनिवार को अखिलेश और साथियों पर दो और मुकदमे दर्ज हुए।
पहला केस (किदवई नगर) – आवास विकास हंसपुरम निवासी शैलेंद्र कुमार ने अखिलेश दुबे, वकील पंकज दीक्षित, अनुज मिश्रा और पत्रकार विपिन गुप्ता के खिलाफ 20 लाख की रंगदारी मांगने, मुंह में पिस्टल डालकर धमकाने का आरोप लगाया।
दूसरा केस (कोतवाली) – वकील की ओर से दर्ज केस में अखिलेश, हिस्ट्रीशीटर पप्पू स्मार्ट, उसका भाई मोहम्मद शुएब, जैन कालिया, फराज, आमिर बिच्छू, हर्षित यादव, रामेंद्र उर्फ गुड्डू, अमिता यादव और मिनेश यादव को आरोपी बनाया गया। आरोप – 2016 में रेप के फर्जी मुकदमे दर्ज कराकर 10 लाख की मांग।
इसके पहले भी किदवई नगर में ढाई करोड़ रुपये की रंगदारी, मारपीट और धमकी देने के मामले में होटल व्यवसायी ने मुकदमा दर्ज कराया था। होटल मालिक पर भी रेप का झूठा केस दर्ज कराने का आरोप है।
पुलिस और ‘बाबा’ भी रडार पर
एसआईटी जांच में पांच सीओ, सात इंस्पेक्टर और दो बाबाओं के नाम सामने आए हैं, जो अखिलेश के नेटवर्क में शामिल थे। ये पुलिस अधिकारी वर्षों तक एक ही इलाके में रहकर ‘शिकार’ फंसाने और उगाही कराने में मदद करते थे।
कल्याणपुर केस – करीबी भी फंसे
कल्याणपुर थाने में महिला की तहरीर पर अखिलेश के करीबी विनय कटियार और शोमिल शाह पर केस दर्ज हुआ। आरोप – लड़की के जरिए महिला के भाई पर केस कराकर पांच लाख रुपये की मांग।
10 साल पुराना मामला – पार्क निर्माण पर विवाद
शैलेंद्र कुमार (महामंत्री, संस्था ‘सच का आइना’) ने 2015 में साकेत नगर के पार्क में अवैध गेस्ट हाउस निर्माण की शिकायत की थी। इसके बाद अखिलेश और साथियों ने उन्हें कार्यालय बुलाकर पिस्टल से धमकाया, मारपीट की और 20 लाख की मांग की। रंगदारी न देने पर चार अलग-अलग थानों में फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिए गए।
हथियार लाइसेंस में भी गड़बड़ी
अखिलेश के परिवार के नाम 12 शस्त्र लाइसेंस जारी हुए हैं। भाई निखिलेश दुबे के नाम एक ही दिन (04 अगस्त 1990) पंजाब के लुधियाना और पटियाला दोनों जिलों से अलग-अलग लाइसेंस जारी होने का खुलासा हुआ है। सवाल – एक ही दिन दो जिलों में पते का सत्यापन कैसे हुआ?
पप्पू स्मार्ट गैंग से संबंध
एक अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि सरकारी जमीन पर कब्जा रोकने पर अखिलेश और पप्पू स्मार्ट गिरोह ने उन पर दुष्कर्म के झूठे केस दर्ज कराए और फिर 10 लाख रुपये की मांग की। 1 लाख देने के बाद भी उगाही जारी रही।
100 से ज्यादा पीड़ित सामने आए
रवि सतीजा ने बताया कि केस दर्ज होने के बाद 100 से ज्यादा व्यापारी, कारोबारी और बिल्डर उनके पास फोन कर चुके हैं, जो अखिलेश के उगाही नेटवर्क के शिकार हुए। सभी को एसआईटी को तहरीर देने के लिए कहा गया है।
“यह पूरा मामला कानपुर के वकीलों, पत्रकारों, पुलिस अधिकारियों और अपराधियों के गठजोड़ का बड़ा खुलासा है, जिसमें फर्जी मुकदमों के जरिए रंगदारी वसूली का संगठित खेल वर्षों से चलता रहा। पुलिस का दावा है कि जांच आगे बढ़ने पर और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।”