नई दिल्ली – Tahawwur Rana Extradition : अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। भारत लंबे समय से पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। तहव्वुर राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में वांछित है। निचली अदालतों में कानूनी लड़ाई हारने के बाद तहव्वुर राणा ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
तहव्वुर राणा के पास था आखिरी मौका
निचली अदालतों और कई संघीय अदालतों में कानूनी लड़ाई हारने के बाद तहव्वुर राणा ने आखिरी बार सैन फ्रांसिस्को में उत्तरी सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। यह राणा के लिए भारत प्रत्यर्पित न किये जाने का आखिरी कानूनी मौका था। गौरतलब है कि राणा पर डेविड हेडली की मदद का गंभीर आरोप है। उसने इस हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली को मुंबई में ठिकानों की रेकी में मदद की थी। भारत ने अमेरिका की कोर्ट में 26/11 हमले में ठिकानों की रेकी के मजबूत सबूत पेश किए थे।
2009 में शिकागो से हुआ था गिरफ्तार
उसे साल 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया गया था। उस पर ISI और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने का आरोप भी लगा है। इसके अलावा उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेटिव बताया गया है। 2008 में मुंबई पर हुआ था आतंकी हमला26 नवंबर 2008 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर आतंकी हमला हुआ था। इन आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे। इस हमले में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 60 घंटे से अधिक समय तक मुंबई के महत्वपूर्ण स्थानों को निशाना बनाया था।
मुंबई में 3 दिन हुआ था मौत का तांडव
साल 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में मौत का तांडव मचाया। कुबेर नाम की नाव पर क्रू की हत्या कर आतंकी मुंबई में दाखिल हुए थे। 10 आतंकी मुंबई में दाखिल हुए। 10 एके-47 के साथ 10 पिस्टल, 80 ग्रेनेड के साथ 26 नवंबर की रात 9 बजे से मुंबई में मौत का तांडव मचाना शुरू कर दिया। 60 घंटों तक मुंबई में मौत का तांडव चलता रहा। इस हमले में कुल 175 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, सिक्योरिटी फोर्सेज ने 9 आतंकियों को मार गिराया था। अजमल कसाब इकलौता जिंदा आतंकी पकड़ा गया था।
भारत ने कैसे साबित किया राणा का गुनाह??
अमेरिकी संघीय पुलिस एफबीआई ने 2009 में उसे गिरफ्तार किया था। हालांकि, उसे मुंबई हमले से बरी कर दिया गया था। उसे डेनमार्क में आतंकी हमले को लेकर 14 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, 2020 में एफबीआई ने उसे मुंबई हमले के आरोप में गिरफ्तार किया। लेकिन, ये भारत की कूटनीतिक चाल से ये सफल हुआ था। भारत ने मुंबई हमले का मास्टरमाइंड डेविड हेडली को सरकारी गवाह बनाकर भारत ने तहव्वुर राणा पर आरोप साबित किया था।