
SCO Summit 2025 : शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट अब समाप्त हो चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत लौट रहे हैं। इस बैठक में भारत ने न सिर्फ अपनी कूटनीतिक ताकत दिखाई, बल्कि चीन और पाकिस्तान की मौजूदगी में भी अपनी बात मजबूती से रखी।
1. आतंकवाद पर भारत का क्लियर स्टैंड
- भारत ने इस मंच से आतंकवाद पर अपनी पोजीशन बहुत साफ तरीके से रखी।
- भारत चाहता था कि टेररिज्म पर कोई डबल स्टैंडर्ड न अपनाया जाए और आम सहमति बने।
- तियानजिन डिक्लरेशन में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र हुआ, जो भारत की बड़ी जीत है।
- खास बात यह रही कि यह सब उस मंच पर हुआ जहां पाकिस्तान और उसका सबसे बड़ा समर्थक चीन मौजूद थे।
2. भारत-चीन रिश्तों का रीसेट
- लंबे समय से भारत और चीन के रिश्तों में तनाव की स्थिति रही थी।
- रूस के कजान में पिछली मुलाकात से बातचीत शुरू हुई थी, लेकिन अब उसे नई दिशा और स्पष्टता मिली है।
- पीएम मोदी ने कहा कि रिश्ता “म्यूचुअल रिस्पेक्ट और म्यूचुअल ट्रस्ट” पर आधारित होना चाहिए।
- उन्होंने साफ किया कि भारत और चीन पार्टनर हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं।
- एशिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का साथ आना भविष्य के लिए अहम संकेत है।
3. अमेरिका को साफ मैसेज
- SCO मीटिंग से अमेरिका को यह संदेश गया कि वह यह तय नहीं कर सकता कि कौन सा देश किसके साथ किस स्तर पर एंगेज करेगा।
- भारत और अन्य ग्लोबल साउथ देश स्वतंत्र रूप से अपने रिश्ते तय करेंगे।
- पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की गर्मजोशी भरी मुलाकात भी इस संदेश का हिस्सा रही।
- मोदी ने पुतिन के साथ संबंधों को भरोसे पर आधारित रिश्ता बताया, जो अमेरिका को सीधा संकेत है।
SCO समिट 2025 भारत के लिए बेहद अहम रहा।
- आतंकवाद पर भारत की जीत,
- चीन के साथ रिश्तों का रीसेट और
- अमेरिका को स्पष्ट संदेश –
ये तीनों टेकअवे आने वाले समय में भारत की विदेश नीति और वैश्विक भूमिका को मजबूत करेंगे।
साफ है कि भारत अब ग्लोबल साउथ का नेतृत्व करने की दिशा में और मजबूती से आगे बढ़ रहा है।