Independence Day 2023:
नई दिल्ली – इस वर्ष 15 अगस्त 2023 पर भारत का 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। यह हमारे देश का राष्ट्रीय पर्व है जिसकी तैयारियां बड़े ही धूम-धाम से की जा रहीं है। हम सभी को पता है कि 15 अगस्त को हमारे देशभर के सभी स्कूल्स, कॉलेज, यूनिवर्सिटी के अलावा सरकारी भवनों, प्राइवेट ऑफिस आदि जगहों पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है लेकिन क्या आपको यह पता है कि भारत सरकार की ओर से तिरंगा फहराने और उसे उतारने को लेकर भारत सरकार की ओर से नियम बनाए गए हैं। इसको लेकर वर्ष 2002 में भारतीय ध्वज संहिता को लागू किया गया था। अगर नहीं तो आप इस लेख के माध्यम से इसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
जान लीजिए तिरंगा फहराने और उतारने के क्या हैं नियम –
15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है जिसके कुछ खास नियम हैं। नियम के अनुसार ध्वजारोहण के लिए एक एक ऐसे व्यक्ति का चुनाव किया जाना चाहिए जो कि इन नियमों का पालन कर सके। झंडे को सूर्यास्त से पहले फहराना चाहिए, सूर्यास्त के बाद इसकी मनाही है। तिरंगे को फहराने के साथ ही उसको उतारते समय भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। जिस तिरंगे का उपयोग किया जा रहा है वो कहीं भी कटा-फटा नहीं होना चाहिए और साथ ही वह कहीं से भी गन्दा नहीं होना चाहिए।
क्या है भारतीय ध्वज संहिता?
भारतीय ध्वज संहिता को 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया। इसके अंतर्गत बहुत से नियमों को लागू किया गया। इन नियमों में कुछ प्रमुख हैं-
- ध्वज फहराने वाली जगह को उचित स्थान दिया जाये और उसको ऐसे जगह फहराया जाये जहां से वह सभी को दिखाई दे।
- तिरंगे के बगल में अगर किसी भी झंडे को लगाना है तो उसका स्थान तिरंगे के नीचे होना चाहिए।
- तिरंगे को बिगुल के साथ फहराया जाना चाहिए।
- अगर तिरंगा किसी कारणवश कट या फट जाए तो उसे अकेले में नष्ट किया जाये।
- अगर किसी मंच पर ध्वजारोहण हो रहा है तो वक्ता सामने की ओर देखे और झंडा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए।
- झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए और इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए।
- अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी आवश्यक हैं।
- तिरंगा किसी भी प्रकार से जमीन को नहीं छूना चाहिए।
- वर्ष 2002 में भारतीय ध्वज संहिता लागू होने से पहले तिरंगा आम इंसानों द्वारा केवल 26 जनवरी या 15
- अगस्त को फहराया जा सकता था लेकिन अब नए नियमों के की कोई भी व्यक्ति कभी भी मर्यादित रूप में तिरंगे को फहरा सकता है।
अगर आप भी इस बार ध्वजारोहण करने वाले हैं तो भारतीय ध्वज संहिता 2002 को मर्यादित और नियमों के अनुसार फहरा सकते हैं। झंडा फहराने के बाद झंडा को उतारने के समय भी नियमों का पालन करें और देश के सबसे बड़े पर्व को नियमों के अनुरूप ही राष्ट्रीय पर्व को मनाए।