आईआईटी कानपुर में शोध कौशल पर दो दिवसीय कार्यशाला, प्रो. सुंदरराजन ने 200 छात्रों को दिए शोध के टिप्स

रिपोर्ट – शिवा शर्मा
कानपुर : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के शोध कौशल को सशक्त बनाने के लिए 20–21 जून को एक दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। “अपने शोध कौशल को कैसे सुधारें” विषय पर आधारित इस कार्यशाला का संचालन अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शिक्षाविद प्रो. नरसिम्हन सुंदरराजन (सेवानिवृत्त, एनटीयू सिंगापुर) द्वारा किया गया।

कार्यशाला का आयोजन डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर्स के सहयोग से शैक्षणिक एवं करियर परिषद (पीजी) द्वारा किया गया, जिसका शुभारंभ प्रो. अभिजीत महापात्र (सह-डीन, शैक्षणिक कार्य) और प्रो. अर्क वर्मा (फैकल्टी सलाहकार) की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।
200 से अधिक छात्रों को मिला मार्गदर्शन
पांच अलग-अलग सत्रों में कुल 9 घंटे तक चली इस कार्यशाला में प्रो. सुंदरराजन ने 200 से अधिक छात्रों को शोध क्षेत्र में आवश्यक रणनीतियों और औजारों के बारे में विस्तार से बताया। उल्लेखनीय है कि प्रो. सुंदरराजन का करियर ISRO, NASA Ames और NASA Langley में शोध व नेतृत्व भूमिकाओं से समृद्ध रहा है।

कार्यशाला के मुख्य विषय रहे:
- शोध की तैयारी और योजना बनाना
- प्रभावी लिटरेचर रिव्यू करना
- शोध पत्र और थीसिस लेखन के तरीके
- पीयर रिव्यू से सकारात्मक प्रतिक्रिया लेना
- शोध नैतिकता और दीर्घकालिक अकादमिक सोच विकसित करना
आयोजन में अनेक वरिष्ठों की सक्रिय भूमिका
इस आयोजन को सफल बनाने में श्रेयंाक गोयल (शैक्षणिक सीनेट नामित), योगेश आर. जी. सिंह (पूर्व महासचिव) और अमन शुक्ला (वर्तमान महासचिव) की भूमिका महत्वपूर्ण रही। साथ ही, पीजी शैक्षणिक एवं करियर परिषद की टीम ने समर्पित प्रयास किए।

कार्यशाला का समापन और धन्यवाद
कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों और आयोजकों ने प्रो. सुंदरराजन का आभार प्रकट किया, जिनकी विशेषज्ञता और प्रेरक शैली ने छात्रों को गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने शोध के प्रति जो उत्साह और दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, वह छात्रों के लिए दीर्घकालिक मार्गदर्शक सिद्ध होगा।