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Twitter से अगर कर रहे हैं कमाई, तो यूजर्स को देना होगा 18 प्रतिशत GST? जान लीजिए पूरा मामला

नई दिल्ली – एलन मस्क के स्वामित्व वाली माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर (अब X) ने भारत में अपने ऐड रिवेन्यू शेयरिंग प्रोग्राम को शुरू कर दिया है।
हाल ही में प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करके कई यूजर्स ने बताया है कि इस प्रोग्राम के तहत कंपनी अब उन्हें भुगतान भी कर रही है।
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, ट्विटर से प्राप्त रिवेन्यू GST कानून के तहत आपूर्ति के रूप में माना जाएगा और इस पर 18 प्रतिशत कर लगेगा।

सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर (अब X) के नए मालिक एलन मस्क ने प्लेटफॉर्म पर इंगेजमेंट बढ़ाने के लिए जहां कई नई सर्विस शुरू की हैं। वहीं कंटेंट जेनरेट करने वालों के लिए इनकम का भी प्लान बनाया है। कंपनी ने यूजर्स के लिए विज्ञापन से होने वाली आय में हिस्सा देने के लिए एक ‘एड रिवेन्यू शेयरिंग प्लान’ बनाया है। लेकिन इससे होने वाली इनकम पर यूजर्स को 18 प्रतिशत का जीएसटी देना होगा।

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीएसटी कानून के तहत ‘एड रिवेन्यू शेयरिंग प्लान’ से होने वाली इनकम को विदेश से ‘सप्लाई’ माना जाएगा। इसलिए इसे कैश कराने पर यूजर्स को 18 प्रतिशत की दर से कर देना होगा।

इन सोर्स से इनकम पर भी लगेगा टैक्स

इतना ही नहीं, अगर किसी व्यक्ति की रेंटल, बैंकों के फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज या अन्य प्रोफेशनल सर्विसेस से सालभर में इनकम 20 लाख र रुपये से ऊपर पहुंच जाती है, तब उस पर कर लगेगा ही। एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी व्यक्ति की सेवाओं से 20 लाख रूपये की इनकम में उन सोर्स को शामिल किया जाएगा, जिन्हें जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। वहीं जितनी आय पर छूट मिलती है, उस पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा।

मौजूदा समय में देश के अंदर सेवाओं से सालभर में 20 लाख रुपये या उससे अधिक की सेवाओं से होने वाली इनकम पर इंडिविजुअल और इकाइयों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना होता है। मिजोरम, मेघालय और मणिपुर जैसे राज्यों के लिए ये सीमा 10 लाख रुपये है।

इस बारे में एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ पार्टनर रजत मोहन का कहना है कि मान लीजिए यदि कोई व्यक्ति बैंकों से सालाना 20 लाख रुपये की ब्याज आय कमाता है। इस पर वह ना तो कोई जीएसटी चुकाता है और ना ही जीएसटी रजिस्ट्रेशन उसने कराया है। अब उसी व्यक्ति की एक लाख रूपये की आय ट्विटर जैसे किसी प्लेटफॉर्म से होती है, तो 20 लाख की सीमा क्रॉस करते ही उसे 18 प्रतिशत जीएसटी भरना होगा।

ऐसे कर सकते है ट्विटर से इनकम

हाल में ट्विटर (एक्स) ने अपने प्रीमियम ग्राहकों और वेरिफाइड ऑर्गनाइजेशन के लिए ‘एड रिवेन्यू शेयरिंग प्लान’ पेश किया है। ट्विटर से इस तरह कमाई करने के लिए व्यक्ति के फॉलोअर्स की संख्या कम से कम 500 और तीन महीने की पोस्ट पर डेढ़ करोड़ इंप्रेशन होने चाहिए।

कितनी आय पर लगेगा टैक्स?
वित्तीय मामलों के जानकारी रजत मोहन के अनुसार, ट्विटर के ऐड रिवेन्यू प्रोग्राम के तहत यदि कोई यूजर एक साल में 20 लख रुपये या उससे अधिक की कमाई करता है, तो उसे 18 प्रतिशत GST देना होगा।
मिजोरम, मेघालय, मणिपुर जैसे कुछ विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए यह सीमा 10 लाख रुपये है।
यदि इस 20 लाख रुपये के अतिरिक्त यूजर 1 लाख रुपये तक कोई अन्य टैक्स योग्य धन कमाता है तो उसे GST रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
X का ऐड रिवेन्यू शेयरिंग प्रोग्राम क्या है?
X के ऐड रिवेन्यू शेयरिंग प्रोग्राम के तहत माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म अपने यूजर्स को उनके पोस्ट के कमेंट में दिखाए गए ऐड के बदले भुगतान करती है।
इस प्रोग्राम में केवल वेरीफाइड यूजर्स शामिल हो सकते हैं और कंपनी उन यूजर्स को ही भुगतान करती है, प्लेटफॉर्म पर जिनके 3 महीने में 50 लाख इंप्रेशन हो।
भुगतान पाने के लिए यूजर्स का ऐड रेवेन्यू कम से कम 10 डॉलर (लगभग 827 रुपये) होना चाहिए।

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