
वाराणसी – वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में आज सर्वे का पांचवां दिन है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीमें सुबह 8 बजे से सर्वे में लग जाएंगी। दूसरी तरफ ज्ञानवापी परिसर में गैर – हिन्दुओं के प्रवेश को रोकने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसपर आज सुनवाई होनी है। जनहित याचिका में मांग की गई है कि श्रृंगार गौरी केस में जब तक वाराणसी की अदालत का फैसला नहीं आ जाता है, तब तक परिसर में गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए।
याचिका में ये भी कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित रखने का आदेश दिया जाए। कोर्ट से ये भी मांग की गई है कि इस तरह की व्यवस्था की जाए, जिससे ज्ञानवापी में एएसआई सर्वेक्षण का काम किसी भी तरह से प्रभावित न हो। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने जनहित याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर आज चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच सुनवाई करेगी।
वाराणसी जिला अदालत में मुकदमा दाखिल करने वाली राखी सिंह समेत कई अन्य लोगों ने ये जनहित याचिका दाखिल की है। करीब 11 बजे चीफ जस्टिस की कोर्ट में ये मामला आएगा।
विशेषज्ञों की टीम को भी बुला सकता है पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग- अधिवक्ता
ज्ञानवापी परिसर में सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष के अधिवक्ता शुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि सर्वे सही ढंग से चल रहा है। एएसआई की टीम मशीनों और अपने उपकरणों की मदद से काम कर रही हैं। जरूरत पड़ी तो एएसआई टीम सर्वे के विशेषज्ञों को भी बुलाएगा। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ यही चाहते हैं कि सर्वे में परिसर के अंदर मंदिर से जुड़े सबूत सामने आएं।
सुभाष नंदन ने कहा कि एएसआई की टीम एक मानचित्र बना रही है। वह रिपोर्ट का मसौदा तैयार कर रहे हैं और फिर कोर्ट में अपनी रिपोर्ट जमा करेंगे।
चल रही अफवाहों पर एएसआई ने जताई नाराजगी
कल श्रावण माह का सोमवार था और काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भारी संख्या में श्रद्धालु थे, जिसकी वजह से ज्ञानवापी परिसर में कल सर्वे का काम तीन घंटे की देरी से शुरू हुआ था। बड़ी बात यह है कि एएसआई सर्वे को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों पर नाराजगी जाहिर की है। एएसआई ने स्थानीय प्रशासन से इन अफवाहों पर लगाम लगाने की मांग की है।