
नई दिल्ली/मथुरा/देहरादून। राजधानी दिल्ली में लगातार हो रही बारिश ने आम लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई निचले इलाकों में पानी भर गया है, जिससे लोगों को आवाजाही में दिक्कतें हो रही हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के मथुरा में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से दर्जनों कॉलोनियां पानी में डूब गईं। इस बीच, उत्तराखंड में लगातार बारिश और भूस्खलन की वजह से बंद हुई चारधाम यात्रा पांच दिन बाद आज से फिर शुरू कर दी गई है।
दिल्ली में जलभराव से मुश्किलें
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीते 48 घंटों से रुक-रुककर तेज बारिश हो रही है। इसका असर सड़कों और यातायात पर सबसे ज्यादा देखा गया।
- सड़कें बनीं तालाब: आईटीओ, मयूर विहार, बदरपुर, राजौरी गार्डन, दक्षिणी दिल्ली के कई इलाके और रिंग रोड पर पानी भर गया।
- ट्रैफिक जाम: ऑफिस आने-जाने वाले लोगों को घंटों ट्रैफिक जाम में फंसे रहना पड़ा।
- मेट्रो और बस सेवा प्रभावित: दिल्ली मेट्रो की ब्लू और येलो लाइन पर अधिक भीड़ देखी गई क्योंकि लोग सड़कों पर फंसे रहने से बचने के लिए मेट्रो का विकल्प चुनने लगे। कई बस रूटों को डायवर्ट करना पड़ा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल मानसून में यही स्थिति होती है। प्रशासन दावा करता है कि ड्रेनेज सिस्टम सुधारा गया है, लेकिन थोड़ी सी बारिश होते ही सड़कें जलमग्न हो जाती हैं।
मथुरा में कॉलोनियां डूबीं
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले 72 घंटों में भारी बारिश और हरियाणा से छोड़े गए पानी के कारण नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।
- कॉलोनियां जलमग्न: वृंदावन, कोसीकलां और शहर के कई हिस्सों में पानी भर गया है।
- लोगों का पलायन: जिन घरों में पानी घुस आया है, वहां के लोग सुरक्षित जगहों की ओर जा रहे हैं।
- पशुओं की समस्या: ग्रामीण इलाकों में पशुओं को चारा और पानी उपलब्ध कराने में दिक्कत आ रही है।
जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है। नावों के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। राहत शिविरों में भोजन और पानी की व्यवस्था की गई है।
चारधाम यात्रा शुरू
उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन के कारण चारधाम यात्रा को बीते पांच दिनों से रोक दिया गया था। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले रास्तों पर कई जगह भारी भूस्खलन हुआ था।
- यात्रियों की फंसी गाड़ियां: हजारों यात्री अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए थे।
- मार्ग साफ किए गए: BRO और प्रशासन ने लगातार काम करके मुख्य मार्गों से मलबा हटाया।
- सुरक्षा इंतजाम: अब यात्रा को सशर्त शुरू किया गया है। केवल मौसम विभाग की रिपोर्ट और प्रशासनिक मंजूरी के बाद ही यात्रियों को आगे बढ़ने दिया जा रहा है।
आज सुबह से ही श्रद्धालु धामों की ओर रवाना होने लगे। प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा को देखते हुए सीमित संख्या में यात्रियों को आगे भेजा जाएगा।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों के लिए दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना जताई है।
- दिल्ली-NCR में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी है।
- यमुना और गंगा के किनारे बसे जिलों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
- उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
प्रशासन की तैयारियाँ
- दिल्ली में NDMC और MCD की टीमें लगातार पंप लगाकर पानी निकालने का प्रयास कर रही हैं।
- मथुरा प्रशासन ने राहत कैंपों में हजारों लोगों को शरण दी है।
- उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों से अपील की है कि वे केवल मौसम विभाग की सलाह के अनुसार यात्रा करें।
लोगों की परेशानियाँ
बारिश और बाढ़ से प्रभावित इलाकों में लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- दिल्ली में ऑफिस और स्कूल जाने वाले बच्चे समय पर नहीं पहुंच पा रहे।
- मथुरा में बाढ़ प्रभावित परिवारों को खाने-पीने और पीने के पानी की किल्लत हो रही है।
- चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालु कई दिनों तक रुके रहे, जिससे उनका खर्च बढ़ गया।
विशेषज्ञों की राय
जलवायु विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मानसून में असामान्य बारिश हो रही है। कहीं बहुत कम तो कहीं अत्यधिक बारिश देखने को मिल रही है। इसका सीधा असर शहरी और ग्रामीण जीवन पर पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि—
- दिल्ली जैसे शहरों में ड्रेनेज सिस्टम सुधारना बेहद जरूरी है।
- नदियों के किनारे अवैध निर्माण रोकने की जरूरत है।
- चारधाम जैसे संवेदनशील इलाकों में यात्रा को मौसम पूर्वानुमान से जोड़ना होगा।
दिल्ली से लेकर मथुरा और उत्तराखंड तक बारिश ने जीवन को प्रभावित किया है। जहां दिल्लीवासी जलभराव से परेशान हैं, वहीं मथुरा में बाढ़ जैसी स्थिति से लोग घर छोड़ने को मजबूर हैं। दूसरी ओर, पांच दिन से बंद चारधाम यात्रा दोबारा शुरू होने से श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली है।
हालांकि मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए आने वाले दिनों में प्रशासन और लोगों, दोनों को सतर्क रहना होगा।