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13 साल पहले मुलायम सिंह ने महिला आरक्षण बिल का किया था विरोध, जानिए अब कौन है खिलाफ में?

नई द‍िल्‍ली – Women Reservation Bill : लोकसभा में महिला आरक्षण बिल मंगलवार पेश कर दिया गया। इसके तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटों पर आरक्षण का प्रावधान है। नई संसद में पहले दिन पेश हुआ विधेयक संविधान संशोधन विधेयक है।

”महिला आरक्षण से बड़े घर की लड़कियों और मह‍िलाओं को फायदा मिलेगा। हमारे गांव की गरीब महिलाओं को नहीं… आकर्षक नहीं होती। बस इतना कहूंगा, ज्यादा नहीं।” ये बातें आज से करीब 13 साल पहले मुलायम स‍िंह यादव ने तब कही थीं, जब मह‍िला आरक्षण का मुद्दा संसद में उठा था। तब इस ब‍िल का मुलायम ने व‍िरोध कुछ ऐसे ही क‍िया था, ज‍िसके बाद काफी व‍िवाद हुआ था।

लोकसभा में पेश हुआ मह‍िला आरक्षण ब‍िल
लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मह‍िला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को लोकसभा में पेश किया। बिल पेश करते हुए उन्होंने कहा कि इस बिल को दोनों सदनों से पारित किए जाने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी। लोकसभा में फिलहाल 82 महिला सांसद हैं। बता दें, निचले सदन में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित हो जाएंगी।

संसद में महिलाओं की स्थिति

2019 के लोकसभा चुनाव में 82 महिलाएं चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं। लोकसभा में 538 सीटें हैं। इस तरह महिलाओं की भागीदारी 15.2 फीसदी रही। वहीं राज्यसभा के 238 निर्वाचित सांसदों में 33 महिलाएं हैं। उच्च सदन में महिलाओं की भागीदारी 13.9 फीसदी है

जब मुलायम ने क‍िया था व‍िरोध
इससे पहले मार्च 2010 में महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पारित होने के लिए पेश किया गया था। इस दौरान मुलायम सिंह यादव ने कहा था क‍ि महिला आरक्षण बिल का मौजूदा स्वरूप नौजवानों को संसद में सीटी बजाने के लिए उकसाएगा। बाराबंकी में एक कार्यक्रम के दौरान भी मुलायम ने इसको लेकर बयान द‍िया था। उन्‍होंने कहा था, ‘महिला आरक्षण बिल के मौजूदा स्वरूप से सिर्फ बड़े घर की और शहर की लड़कियों को फायदा मिलेगा। हमारे गांव की गरीब महिलाओं ज्यादा आकर्षक नहीं होती। बस इतना कहूंगा… ज्यादा नहीं।’

अब अखि‍लेश ने क्‍या कहा?
लोकसभा में ब‍िल पेश होने के बाद सपा प्रमुख अखि‍लेश यादव ने कहा, ”महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए। इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए।”

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