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Vande Sadharan Train : अब गरीब भी चढ़ेगा वंदे भारत में, जानें कब से हो रही है इसकी शुरुआत

नई दिल्ली – Vande Sadharan Train : भारत की ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ सेमी हाई स्पीड ट्रेन देश के लगभग सभी बड़े शहरों से जुड़ गई है। ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ ट्रेन में दी गई कई सुविधाओं के कारण लोगों का ट्रेन में सफर करना अब काफी आसान हो गया है। लेकिन अधिक किराए की वजह से अब भी देश का एक बड़ा वर्ग इस ट्रेन के सफर करने से कतराता है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने लोगों के बजट के अनुकूल ‘वंदे साधारण’ ट्रेन शुरू करने का फैसला लिया है। इस ट्रेन के लाने का लक्ष्य है कि यात्रियों को किफायती कीमतों में बेहतर यात्रा प्रदान किया जाए।

किफायती बजट में ‘वंदे साधारण’ ट्रेन
हालांकि इसके नाम को लेकर अभी तक कोई पूर्ण रूप से आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। ‘वंदे साधारण’ ट्रेन को ऐसे रूटों पर चलाने की तैयारी की जा रही है। जिन मार्गों पर प्रवासी मजदूरों की अधिक आवाजाही रहती है एवं जिन रूटों पर ट्रेनों में भारी भीड़ रहती है। इसके लिए रेलवे ने देश में सर्वे भी कराया है।

24 LHB के होंगे ‘वंदे साधारण’ के कोच

रेलवे के आधिकारिक से मिली जानकारी के अनुसार इस ‘वंदे साधारण’ ट्रेन को बनाने की प्रक्रिया इंटेग्रल कोच फैक्ट्री (ICF), चेन्नई में शुरू हो गई है। इस ट्रेन को अगले कुछ महीने तक तैयार कर लिया जाएगा। इस ‘वंदे साधारण’ ट्रेन में सभी डिब्बे सेंकेंड क्लास के होंगे। इसलिए इस ट्रेन का किराया भी कम ही रहेगा। इस ‘वंदे साधारण’ ट्रेनों में कुल 24 LHB कोच होंगे। इसके साथ ही दो इंजन भी लगाए जाएंगे।

इन सारी सुविधाओं से लैस होगा ‘वंदे साधारण’

‘वंदे साधारण’ ट्रेन को बायो वैक्यूम शौचालय, यात्री सूचना प्रणाली एवं चार्जिंग पॉइंट आदि अन्य सुविधाओं से लैस करते हुए डिजाइन किए जाएंगे। इसके साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा भी लगाए जाएंगे। इसके अलावा इस ट्रेन में ऑटोमैटिक डोर सिस्टम भी लगाए जाएंगे। इस ट्रेन की स्पीड मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेनों से अधिक तेज होगी। इसके साथ ही इस ट्रेन के स्टॉपेज भी बहुत कम होंगे। ‘वंदे भारत’ की तरह ही इस ट्रेन में भी ऑटोमेटिक दरवाजे दिए जाएंगे। जो ट्रेन के चलने से पहले अपने-आप बंद हो जाएंगे।

वंदे साधारण प्रोजेक्ट क्या है ?

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने वंदे भारत और वंदे साधारण (Vande Sadharan Train) के बीच के फर्क को समझते हुए कहा कि, आपको अंतर जानना है। तो सबसे पहले शताब्दी और जनशताब्दी के बीच का अंतर समझना होगा शताब्दी एक्सप्रेस को जब शुरू किया गया था। तो इसमें अमीर लोग भी सफर कर पाते थे, इसका भाड़ा अधिक था तब इस ट्रेन को आम जनता का वजन जनशताब्दी की शुरुआत की गई।

गरीबों के लिए बन रही साधारण वंदे भारत

हम सभी जानते हैं कि अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राजनीतिक पार्टियों गरीबों का जिक्र कुछ ज्यादा ही करने लगी है। आप गरीबों के लिए वंदे भारत का इकोनामिक वर्जन वन्दे साधारण (Vande Sadharan Train) को तैयार किया जा रहा है। रेलवे के अधिकारी शिक्षक की माने तो इस ट्रेन के बनाने की प्रक्रिया इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में शुरू कर दी है। इसे अगले कुछ महीने में बना कर तैयार कर दिया जाएगा। इसमें सभी सेकंड क्लास के डिब्बे होंगे, इसीलिए ऐसा किराया भी कम होने वाला है।

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