UP : योगी सरकार का बड़ा कदम, अब अधिकारी नहीं यूपी में मशीन करेगी ये काम, जाने पूरा मामला

UP – Vehicles Fitness Center : यूपी में वाहनों की फिटनेस जांच अब अत्याधुनिक मशीनों से होगी। अभी तक वाहनों की फिटनेस जांच विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों की ओर से मैनुअली की जाती है, जिसकी वजह से वाहन मालिकों को अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते थे और वे परेशान हो जाते हैं। लेकिन अब उनकी परेशानी दूर करने के सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। जिसके बाद यात्री वाहन और भारी वाहनों की फिटनेस की जांच आरटीओ कार्यालय के आरआई नहीं, बल्कि मशीन करेगी।
ना होगी लापरवाही और ना हादसे
सरकार के इस कदम से अब से आंखों देखी फिटनेस में लापरवाही नहीं की जाएगी साथ ही हादसे भी रुकेंगे। इसके लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने परिवहन आयुक्त को अधिसूचना पहले ही भेज दी थी। वहीं, 1 अक्टूबर से यात्री और भारी वाहनों के फिटनेस टेस्ट ऑटोमेटिक फिटनेस स्टेशन (Automatic Fitness Station) पर कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए 75 जिलों में 225 स्टेशन खोलने के लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा।
इन 13 बिंदुओं पर होगी जांच
जानकारी के लिए बात दें कि, ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर पर वाहनों की जांच 13 बिंदुओं पर होगी। इनमें धुएं की जांच, टायर, हेडलाइट, बैक लाइट, ब्रेक्र, स्पीड गवर्नर, वाइपर, रेट्रो रिफ्लेक्टर टेप (चमकीली पट्टी) की जांच भारी और यात्री वाहनों की जाएगी। ये मशीन बस वाहनों को स्कैन करेगी और बता देगी की ये चलने की हालत में है या नहीं। यूपी में फिलहाल इसके दायरे में 32 लाख वाहन आएंगे, जिसमें 25 लाख मालवाहक ट्रक, 1.75 लाख रोडवेज बसें, 5 लाख यात्री ई-रिक्शा और ऑटो-टेंपो और अन्य वाहन। फिलहाल यूपी में लखनऊ, कानपुर और आगरा में तीन ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर चल रहे हैं और जल्द ही गाजियाबाद में ये खुल जाएगा।