Sudha Murty : नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए मनोनीत, PM मोदी ने खुद दी जानकारी

नई दिल्ली – Sudha Murty Nominated for Rajya Sabha : इंफोसिस (Infosys) के फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स (X) पर पोस्ट के माध्यम से इसकी जानकारी दी।
पीएम मोदी ने एक्स (X) के माध्यम से दी जानकारी –
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में जानकारी देते हुए कहा कि सुधा मूर्ति को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लिखा- मुझे खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नामित किया है। सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है। आपको बता दे कि प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा कि राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी ‘नारी शक्ति’ का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास हैं सुधा
आपको बग दे कि राज्यसभा के लिए मनोनित सुधा मूर्ति ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास हैं। सुधा मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति, ऋषि सुनक की पत्नी हैं। गौरतलब है कि अक्षता हाल ही में भारत आईं थीं और करीब 8 महीने पहले 74वें गणतंत्र दिवस पर मोदी सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की थी, इनमें सुधा मूर्ति का भी नाम था। उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। इसके पहले सुधा को पद्म श्री सम्मान मिल चुका है।
सुधा मूर्ति सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक
आपको बता दे कि नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति सामाजिक कार्यकर्ता और राइटर भी हैं। आपको बता दे कि 8 नॉवेल लिख चुकीं सुधा मूर्ति देश की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी ‘टेल्को’ में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर रह चुकी हैं। उन्होंने कर्नाटक के हुबली स्थित बीवीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रैजुएशन किया है।
इंफोसिस की नींव रखने में अहम भूमिका
कहा जाता है कि जब नारायण मूर्ति को इंफोसिस की नींव रखनी थी, तब उनके पास पैसे नहीं थे। तब सुधा मूर्ति ने ही उन्हें बचाए हुए 10 हजार रुपए दिए थे, तब इंफोसिस की स्थापना हुई। कहा ये भी जाता है कि सुधा मूर्ति ने अपनी नौकरी छोड़कर इंफोसिस शुरू करने में नाराणय मूर्ति की मदद की थी।