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Rashtriya Swayamsevak Sangh : पुणे में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तीन दिवसीय बठैक हुई संपन्न

Rashtriya Swayamsevak Sangh : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक 14 सितम्बर से पुणे के एसपी कॉलेज में प्रांरभ हुई थी। इसका समापन आज 16 सितंबर को है।संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के नेतृत्व सम्पन्न इस सालाना समन्वय बैठक में राष्ट्रीय सेविका समिति प्रमुख संचालिका शांतक्का, प्रमुख कार्यवाहिका सीता गायत्री अन्नदात्तम, स्त्री शक्ति अध्यक्ष शैलजा, राष्ट्रीय सेवा भारती की महामंत्री रेणु पाठक सहित 30 महिला प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बैठक में उपस्थित रहे

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा, अखिल भारतीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष, सह संगठन महामंत्री बी.सतीश सहित संघ के 36 अनुषांगिक सहयोगी संगठनो के करीब 266 पदाधीकारियों ने बैठक में भाग लिया।

महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर विचार

सूत्रों का दावा है कि संघ की इस तीन दिवसीय समन्वय बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा, परिदृश्य, प्रर्यावरण, राम मंदिर, अयोध्या मे जनवरी माह में संभावित प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देशभर में मनाने- राममय करने हेतू कार्यक्रमों पर विचार विमर्श हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेतृत्व ने देश में सभी राजस्व गांव में संघ शाखा प्रारंभ करने की तैयारी करने के संकेत दिए। बैठक में संघ नेतृत्व ने कहा कि देश में जिन राजस्व गांव-शहर में अभीतक संघ शाखा प्रारंभ नहीं हो सकी वहां संघ शाखा प्रारंभ करने,,महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर विचार किया गया साथ ही संघ से स्थानीय निवासियों को जोडने हेतु एक नई समिति गठित करने पर विचार विमर्श हुआ।

राम मंदिर की निधि को लेकर नई समिति गठित करने पर विचार

ऐसा करने की योजना बनाने की तैयारी कर ली गई है। राम जन्म भूमि, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हेतु संघ ने देश भर के शहर-कस्बो मे राम मंदिर निधि समर्पण अभियान समिति का तथा कोरोना प्रकोप के समय गठित की गई ग्राम रक्षा समिति, चिकित्सा समिति का अब कोई कार्य नहीं चलने से तीनों समितियों के पदाधीकारियो और कार्यकर्ताओं को शामिल कर एक नई समिति गठित करने की योजना बनाने के संकेत भी दिए गए। संघ की यह नई समिति देश के जिस राजस्व शहर-कस्बे में अभीतक संघ शाखा प्रारंभ नहीं हो सकी, उस गांव में संघ कार्य से निवासियों को जोडने, संघ शाखा प्रारंभ करने का कार्य करेगी।

समिति से जुड़े संघ प्रचारक

स्वयं सेवक स्थानीय लोगों के साथ मिलकर शाखा प्रारंभ करेंगे। जिस राजस्व गांव में इसके बाद भी संघ शाखा नहीं लग पाएगी, उस गांव-कस्बे में संघ समिति के सदस्य साप्ताहिक मिलन कार्यक्रम चलाएंगे।ताकि गांव के मंदिर, तालाब, स्कूल निर्माण,सामाजिक कार्य मे भूमिका और भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। इसीप्रकार संघ से स्थानीय लोगों को जोडने के लिए हनुमान चालीसा, रामायण पाठ, धार्मिक आयोजन प्रारंभ कर, संघ कार्य से निवासियों को जोड, संघ शाखा प्रारंभ करने की योजना है।

मणिपुर हिंसा पर बोले मनमोहन वैद्य

संघ सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने मणिपुर हिंसा को लेकर कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि वहां के हालात चिंताजनक हैं लेकिन इस संबंध में सरकार को आगे बढ़कर काम करने की जरूरत है। जहां तक संघ की बात है तो संघ के कार्यकर्ता मणिपुर की दोनों जनजातियों – मैतेयी और कूकी के साथ मिलकर उनकी सेवा के लिए काम कर रहे हैं।

सनातन धर्म पर विवादित राजनीतिक

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को खत्म करने की बात करने वाले पहले ये बताएं कि क्या उन्हें इस शब्द का अर्थ मालूम है? धर्म और सनातन क्या है? वो इस बारे में क्या जानते हैं? लोगों को समझना पड़ेगा कि धर्म और रिलीजन अलग-अलग हैं। भारत में धार्मिक स्वतंत्रता रही है। यह इस देश की पहचान है। सनातन को खत्म करने के लिए बीच-बीच में अनेक लोग खड़े हुए लेकिन किसी को कामयाबी नहीं मिली। आज इस विषय पर जो भी बहस हो रही है, वह पूरी तरह से राजनीतिक है।

भारत को भारत ही रहना चाहिए

वहीं इंडिया बनाम भारत विवाद पर उन्होंने कहा कि भारत को भारत ही होना चाहिए। भारत के सिवा किसी भी देश के दो नाम नहीं हैं। भारत नाम में सभ्यता का बोध होता है। भारत नाम प्राचीन सभ्यता और चिंतन से जुड़ता है। इसलिए भारत भारत ही हो, हम लोग उस दिशा में काम कर रहे हैं।

2024 के चुनाव पर क्या बोले?

संघ सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य से साल 2024 के चुनाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में उनका कहना था कि पिछले सालों में भारत की पहचान दुनिया में बनी है लेकिन अभी बहुत कुछ ठीक करना है। सबकुछ ठीक करने के लिए कम से 25 -30 साल और चाहिए।

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