नई दिल्ली – संसद में महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मैं इसके समर्थन में हूं, लेकिन ये अधूरा है। राहुल ने कहा कि जब सांसदों को पुरानी संसद से नई संसद में ले जाया जा रहा था तो राष्ट्रपति को वहां मौजूद रहना चाहिए था। मैंने शोध किया कि हमारे संस्थानों में ओबीसी की भागीदारी क्या है। सरकार चलाने वाले 90 सचिवों में से केवल तीन ओबीसी से हैं। जितनी जल्दी हो सके इसे बदलिए। यह ओबीसी समुदाय का अपमान है।
देश की आजादी के लिए महिलाओं ने भी संघर्ष किया- राहुल गांधी
राहुल के बोलने के दौरान जब सांसदों ने हंगामा किया तो उन्होंने कहा- डरो मत। देश की आजादी के लिए महिलाओं ने भी संघर्ष किया है। महिला आरक्षण बिल पर बिल्कुल भी देरी नहीं होनी चाहिए और इसे आज से ही लागू कर देना चाहिए। इस दौरान ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा- मैं राहुल गांधी से अपील करता हूं कि सदन में सभी सदस्य समान हैं। तो उनसे ‘डरो मत, डरो मत’ ना कहा जाए।
राहुल ने महिला आरक्षण बिल पर उठाए सवाल
महिला आरक्षण बिल पर राहुल गांधी ने कहा कि हर कोई समर्थन करेगा कि ये हमारे देश की महिलाओं के लिए बड़ा कदम है। आजादी के आंदोलन में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया था, लेकिन मेरे हिसाब से यह बिल अधूरा है क्योंकि इसमें ओबीसी आरक्षण का कोई जिक्र नहीं है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि इसमें दो बातें हैं, पहली बात तो ये कि इस बिल के लिए आपको नई जनगणना और नया परिसीमन कराना होगा। मेरी राय में महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33 फीसदी आरक्षण देकर इस बिल को अभी से लागू कर देना चाहिए।
राहुल गांधी का केंद्र सरकार पर निशाना
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार कई मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है। इन्हीं मुद्दों में से एक है जाति जनगणना। उन्होंने कहा, मुझे बिल्कुल समझ नहीं आता कि क्या कारण है कि जैसे ही विपक्ष जाति जनगणना का मुद्दा उठाता है, बीजेपी अचानक दूसरे मुद्दे लाकर ध्यान भटकाने की कोशिश करती है ताकि ओबीसी समुदाय और भारत के लोग दूसरी तरफ देखने रास्ता लगें।