Nobel Prize 2023: कोविड की वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों को मिला मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार

नई दिल्ली – Nobel Prize 2023 : कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में वैक्सीन के इजाद में मदद करने वाले दो वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इनमें एक महिला वैज्ञानिक भी है। मिली जानकारी के अनुसार, कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को एमआरएनए वैक्सीन की खोज में योगदान के लिए संयुक्त रूप से फिजियोलॉजी या चिकित्सा क्षेत्र के लिए 2023 का नोबेल पुरस्कार दिया गया है।
इन दोनों के प्रयास से संभव हुआ वैक्सीन बनाना

करोलिंस्का इंस्टीट्यूट में नोबेल असेंबली द्वारा जारी बयान में कहा कि दोनों को न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए यह सम्मान मिला है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि इससे कोरोना वायरस 19 यानी कोविड 19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों का विकास संभव हो पाया था।
2010 से ही चल रहा था काम
नोबेल समिति कहना है कि कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन ने इस बात को स्थापित किया है कि एमआरएनए हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ कैसे संपर्क करता है? यहां पर बता दें कि एमआरएनए प्रौद्योगिकी में रुचि बढ़ने के चलते वर्ष 2010 से ही कई कंपनियां इस पद्धति को विकसित करने पर काम कर रही हैं। यह भी बताना जरूरी कि जीका वायरस और एमईआरएस-सीओवी के खिलाफ टीके लगाए गए हैं, जो काफी सफल साबित हुए। ऐसे में एमईआरएस-सीओवी का सार्स-कोव-2 के साथ निकट संबंध है।
एमआरएनएस टीके करीब 95 प्रतिशत प्रभावी थे
सार्स-कोव-2 सर्फेस प्रोटीन को एन्कोड करने वाले दो बेस-मॉडिफाइड एमआरएनएस टीके रिकॉर्ड गति से विकसित किए गए थे, जबकि वर्ष 2020 में कोरोना वायरस संक्रमण ने धीरे-धीरे पूरी दुनिया में कहर परपाना शुरू कर दिया। वहीं, एमआरएनएस टीके करीब 95 प्रतिशत प्रभावी थे और इन दोनों टीकों को दिसंबर, 2020 की शुरुआत में मंजूरी प्रदान की गई थी।
नोबेल समिति के सदस्यों का कहना है कि आधुनिक समय में लोगों के स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े खतरों में से कोरोना के दौर में वैज्ञानिकों कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन ने बेहद उपयोगी योगदान दिया।