नई दिल्ली – Murli Manohar Joshi : अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे। जब-जब राम मंदिर का जिक्र आता है तब-तब डॉ. मुरली मनोहर जोशी का नाम अपने आप जुबान पर आ जाता है। आपको बता दें कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का सपना सैकड़ों साल से देश के करोड़ों राम भक्तों ने देखा था। इस सपने को साकार करने के लिए कई भक्तों को अपने प्राणों की आहुति तक देनी पड़ी। कइयों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। ऐसे ही नेताओं में डॉ. मुरली मनोहर जोशी भी शामिल रहे।
आज ही के दिन डॉ. मुरली मनोहर जोशी का हुआ था जन्म
डॉ. मुरली मनोहर जोशी का जन्म 5 जनवरी 1934 को नैनीताल में हुआ। हालांकि जोशी मूल रूप से उत्तराखंड के कुमायूं क्षेत्र के रहने वाले हैं। नैनीताल में जन्मे मुरली मनोहर जोशी के पति का नाम मन मोहन जोशी और माता का नाम चंद्रावती जोशी था। ब्राह्मण परिवार में जन्मे डॉ. मुरली मनोहर जोशी का विवाह 1956 में तरला जोशी से हुआ। जिसके बाद उनकी दो बेटियां निवेदिता और प्रियंवदा हुईं।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एमएससी की पढ़ाई की
डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एमएससी की बढ़ाई की और फिर वहीं से डॉक्टोरेट की उपाधि हासिल की। उनका शोधपत्र स्पेक्ट्रोस्कोपी पर था। डॉ मुरली हिन्दी भाषा में शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले पहले शोधार्थी थे। अपनी पीएचडी पूरी करने के बाद, जोशी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भौतिकी पढ़ाना शुरू किया पढ़ाई के दिनों में ही वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। मुरली मनोहर जोशी ने कम उम्र में ही (1953-54) में गौ रक्षा आंदोलन, 1955 में यूपी के कुंभ किसान आंदोलन में भाग लिया।
भारतीय जनता पार्टी के गठन में भूमिका निभाई
1980 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अध्यक्ष बने। 1996 में जब 13 दिन के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो उनको गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। 2014 में वह उत्तर प्रदेश के कानपुर से लोकसभा सांसद चुने गए। डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने बीजेपी के राम मंदिर आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राम मंदिर निर्माण के लिए उनको 8 दिसंबर 1992 को गिरफ्तार भी किया गया। वह इलाहाबाद लोकसभा सीट से लगातार तीन बार जीत दर्ज कर चुके है।