धर्म व ज्योतिष

Janmashtami 2023: 30 साल बाद जन्माष्टमी पर बन रहा है विशेष संयोग,जन्माष्टमी पर इस तरह करें लड्डू गोपाल का श्रृंगार, बनी रहेगी कान्हा जी की कृपा

नई दिल्ली – Janmashtami 2023: रक्षाबंधन के बाद श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पड़ता है जिस देश भर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह हिंदुओं के आराध्य देव श्री कृष्ण का जन्मदिन है, जिसे हर कोई अपने अंदाज में मनाना पसंद करता है। इस बार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी 6 सितंबर को आ रही है। इस दिन बुधवार पड़ रहा है और कुछ खास संयोगों में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।

हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का विषेश महत्व है। यह पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात्रि के समय भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान श्री कृष्ण का जन्म माता देवकी के गर्भ से हुआ था।

पंचांग की स्थिति की बात करें तो इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग निर्मित हो रहा है और चंद्रमा वृषभ राशि का तथा रोहिणी नक्षत्र होने से एक विशेष सहयोग 30 सालों बाद निर्मित हो रहा है। मेरी वजह है कि यह कृष्ण अष्टमी हर मनोकामना को पूर्ण करने वाली मानी जा रही है।

बन रहा है विशेष योग
कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर मध्य रात्रि में रोहिणी नक्षत्र बन रहा है जिसके चलते सर्वार्थ सिद्धि योग निर्मित हो रहा है। रोहिणी चंद्रमा की पत्नी है और इस दिन चंद्रमा अपने उच्च अंश वृषभ राशि में विराजित होगा। ग्रहों की यह दशा पूजन अर्चन के योग से विशेष फलदायी बताई जा रही है। सर्वार्थ सिद्धि योग में की गई पूजन अर्चन भक्तों को विशेष फल देगी।

रोहिणी का शुभ नक्षत्र

हर तिथि और नक्षत्र मिलकर कोई ना कोई योग का निर्माण करते हैं। हर 3 साल में एक बार ऐसी स्थिति जरूर बनती है, जब नक्षत्र और तिथि पर्व कल को एक साथ निर्मित करते हैं। इस बार बुधवार के दिन ऐसी ही स्थिति बन रही है। ग्रह गोचर में रोहिणी तिथि पड़ना श्रेष्ठ माना जाता है, वहीं पंचांग में दो या तीन अंगों का होना भी त्यौहार को फल दायक बना देता है।

करें श्रीकृष्ण की अराधना
इस बार जन्माष्टमी काफी शुभ है और ऐसे में श्री कृष्ण की साधना करने से सारे दुख दर्द से छुटकारा मिलेगा। वैसे तो हर जन्माष्टमी शुभ होती है और श्री कृष्ण भक्तों के सारे दुख हर लेते हैं। लेकिन अगर आप विशेष पाल चाहते हैं तो भजन कीर्तन के साथ कृष्ण कथा, कृष्णाष्टकम और लीला अमृत का पाठ कर सकते हैं। इससे भगवान श्री कृष्णा प्रसन्न होंगे और सुख समृद्धि तथा सफलता का आशीर्वाद प्रदान करेंगे।

वर्ष 2023 में कृष्ण जन्माष्टमी

6 सितंबर 2023, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की विधिवत पूजा करने से और व्रत का पालन करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

लड्डू गोपाल को पहनाएं ऐसे वस्त्र
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को पीले, हरे, लाल, रंग के वस्त्रों के साथ आप मोरपंख से बने वस्त्र, फूलों वाले वस्त्र, आदि भी पहना सकते हैं। इससे कान्हा जी आपसे प्रसन्न होंगे और आपके ऊपर अपनी दया दृष्टि बनाए रखेंगे।

कान्हा जी के हाथों रखें बांसुरी

कान्हा जी को बांसुरी अति प्रिय है। इसके बिना कान्हा का श्रृंगार अधूरा माना जाता है। ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्रृंगार करते समय आप छोटी सी बांसुरी कान्हा जी के हाथों में जरूर रखें।

कान्हा जी को पहनाएं मोर मुकुट

श्री कृष्ण अपने मुकुट पर मोर पंख मुख्य रूप से धारण करते हैं, इसलिए जन्माष्टमी के दिन उन्हें मोर मुकुट जरूर पहनाना चाहिए। ऐसा करने से कान्हा जी आपसे प्रसन्न होंगे और आपकी सभी इच्छाएं पूरी करेंगे।

इन आभूषणों से करें श्रृंगार

श्री कृष्ण को श्रृंगार अति प्रिय है, इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजा के समय उन्हें चांदी या सोने के कड़े, बाजूबंद, कानों में सोने, चांदी या मोती से बने कुंडल जरूर पहनाएं। साथ ही आप उन्हें पायल और कमर में कमरबंध भी पहनाएं। इससे जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

REPUBLIC NOW

Republicnow.in एक स्वतंत्र डिजिटल न्यूज़ चैनल है, जो आपको सबसे तेज और सटीक खबरें प्रदान करता है। हमारा लक्ष्य है कि हम दुनिया भर की महत्वपूर्ण और प्रासंगिक खबरें आप तक पहुँचाएँ। राजनीति, मनोरंजन, खेल, बिज़नेस, टेक्नोलॉजी, और अन्य विषयों पर हमारी निष्पक्ष और प्रमाणिक रिपोर्टिंग हमें सबसे अलग बनाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button