Income Tax on Cash Transaction : जान ले पति-पत्नी के बीच कैश ट्रांजैक्शन, इनकम टैक्स के नियम, नहीं तो लग जाएगी पेनल्टी?

Husband Wife Cash Transaction Rules : पति-पत्नी के बीच पैसे का लेन-देन बेहद आम बात है। कभी घर के खर्चों के लिए, कभी गिफ्ट के तौर पर और कभी किसी खास जरूरत के लिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर यह लेन-देन इनकम टैक्स नियमों को ध्यान में रखे बिना किया जाए, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस भी मिल सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आयकर कानून पति-पत्नी के बीच कैश लेन-देन पर सीधे रोक नहीं लगाता, लेकिन कुछ नियम हैं जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।
घर खर्च और गिफ्ट पर टैक्स नहीं
- अगर पति अपनी पत्नी को घर खर्च या गिफ्ट के तौर पर कैश देता है, तो उस पर टैक्स का सीधा बोझ नहीं पड़ता।
- यह रकम पति की ही आय मानी जाती है और पत्नी को इस पर अलग से टैक्स नहीं देना होता।
निवेश और इनकम पर टैक्स देनदारी
मामला तब जटिल हो जाता है जब पत्नी इन पैसों को निवेश (जैसे एफडी, म्यूचुअल फंड, शेयर या प्रॉपर्टी) में लगाती है और उससे इनकम होती है।
- ऐसी स्थिति में यह इनकम पत्नी की मानी जाएगी।
- अगर वह टैक्सेबल स्लैब में आती है, तो टैक्स चुकाना होगा।
क्लबिंग ऑफ इनकम का नियम
- यदि टैक्स डिपार्टमेंट को यह लगे कि निवेश का मकसद सिर्फ टैक्स बचाना है, तो पत्नी की इनकम को पति की इनकम में जोड़ दिया जाएगा।
- इस स्थिति में पति की टैक्स देनदारी बढ़ सकती है।
इनकम टैक्स की अहम धाराएं: 269SS और 269T
- धारा 269SS:
- एक बार में ₹20,000 या उससे ज्यादा कैश लोन या डिपॉजिट के रूप में लेना मना है।
- इतना अमाउंट केवल बैंकिंग चैनलों (चेक, ड्राफ्ट, NEFT, RTGS आदि) से ही लिया जा सकता है।
- धारा 269T:
- ₹20,000 या उससे ज्यादा कैश लोन या डिपॉजिट लौटाना भी मना है।
- इसे भी केवल बैंकिंग माध्यम से ही लौटाना होगा।
हालांकि, पति-पत्नी जैसे नजदीकी रिश्तेदारों के बीच genuine लेन-देन पर आमतौर पर पेनल्टी नहीं लगती। फिर भी बड़े कैश ट्रांजैक्शन से बचना ही सुरक्षित है।
पत्नी को कितना कैश दे सकते हैं?
- घर खर्च के लिए: कोई सीमा नहीं है, पति किसी भी राशि का कैश पत्नी को दे सकता है।
- निवेश के लिए: यदि पत्नी इस राशि से निवेश करती है और उससे आय होती है, तो उस आय पर टैक्स लगेगा।
उदाहरण:
पति ने पत्नी को ₹5 लाख दिए। पत्नी ने इसे एफडी में लगाया और ₹30,000 ब्याज मिला।
यह आय पत्नी की मानी जाएगी और यदि वह टैक्स स्लैब में आती है, तो टैक्स देना पड़ेगा।
टैक्स नोटिस से बचने के उपाय
- ₹20,000 से अधिक कैश ट्रांजैक्शन से बचें।
- बड़े अमाउंट हमेशा बैंकिंग चैनलों से ट्रांसफर करें।
- ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) में सही जानकारी दर्ज करें।
- निवेश और संपत्ति से होने वाली इनकम पर समय से टैक्स चुकाएं।
- सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स सुरक्षित रखें।
नियम तोड़ने पर पेनल्टी
- धारा 271D (269SS तोड़ने पर): जितना कैश लिया, उतनी ही रकम का जुर्माना।
- धारा 271E (269T तोड़ने पर): जितना कैश लौटाया, उतनी ही रकम का जुर्माना।
पति-पत्नी के बीच कैश ट्रांजैक्शन आम बात है, लेकिन इनकम टैक्स नियमों की अनदेखी करना भारी पड़ सकता है। सुरक्षित तरीका यही है कि:
- बड़े लेन-देन बैंकिंग चैनलों से करें।
- ITR में पूरी पारदर्शिता रखें।
- निवेश से होने वाली आय पर समय से टैक्स चुकाएं।
ऐसा करने से न सिर्फ टैक्स नोटिस से बचा जा सकता है, बल्कि वित्तीय सुरक्षा भी बनी रहती है।