
मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी द्वारा गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज गुजरात सरकार और मामले के शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया। राहुल गांधी का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि सजा के फैसले पर या तो रोक लगाई जाए या फिर जल्द सुनवाई हो। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह नोटिस जारी किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को अगली सुनवाई की तारीख दी है।
ये था मामला
दरअसल, राहुल गांधी ने 2019 में मोदी सरनेम को लेकर एक बयान दिया था। इसके खिलाफ भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी।
सजा के खिलाफ राहुल सूरत सेशन कोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट भी गए थे, लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने 15 जुलाई को सजा पर रोक लगवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। वहीं, पूर्णेश मोदी ने भी कोर्ट से अपील की थी कि उन्हें सुने बिना फैसला नहीं दिया जाए।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इस स्तर पर सीमित प्रश्न यह है कि क्या दोषसिद्धि निलंबित किये जाने योग्य है? वहीं सुनवाई से पूर्व मामले की सुनवाई करने वाले दो न्यायाधीशों में जस्टिस बी आर गवई ने खुद को मामले से अलग कर लिया। उन्होंने इस फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, ‘मुझे दिक्कत है, मेरे पिता 40 साल से ज्यादा कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। मेरे भाई अभी भी राजनीति में हैं। ’ राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने 18 जुलाई को मामले का उल्लेख किया था और याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था, जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी।
SC से राहत नहीं मिली तो 2031 तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे राहुल
राहुल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो वे 2031 तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। राहुल को इस मामले में 23 मार्च 2023 को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। नियम के मुताबिक, सजा पूरी होने के छह साल बाद तक चुनाव लड़ने पर रोक रहती है। ऐसे में 2025 में उनकी सजा पूरी होगी और उसके बाद 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी।