नई दिल्ली : Eye Care : मानव शरीर में 5 इंद्रिया होती है जिसमें आंख सबसे महत्वपूर्ण होता है। अगर हमारी आंखों में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत हो तो फिर हमें कुछ भी दिखाई नहीं देता है और अगर हमें कुछ दिखेगा नहीं तो हम कुछ भी कर नहीं सकते है इसलिए हमें अपनी आंखों को सही रखना चाहिए। हमारी आंखों की लगभग हर प्रॉब्लम रेटिना से जुड़ी ही होती है।
अगर रेटिना में किसी भी तरह की दिक्कत होगी तो उसका पूरा असर हमारी आंखों पर पड़ता है। इसलिए इसका खास ख्याल रखें। जैसा कि हम सब जानते हैं कि रेटिना हमारी आंखों के पीछे अंदरूनी हिस्से में मौजूद एक परत है जो कि काफी नाजुक होती है। बदलती लाइफस्टाइल के कारण हमारी रेटिना पर भी इसका असर पड़ता है।
वहीं मैक्यूलर की बात करें तो हमारे रेटिना के बीच में स्थित भाग को मैक्यूलर कहते है। अधिकतर फोटोरिसेप्टर मैक्यूलर में ही मौजूद होता है। इसके कारण ही हम दूर या फिर पास का देख पाते है। कई बार ऐसा होता है कि मैक्युला में ब्लड जम जाता है जिस कारण कई रोग होने लगते हैं तो चलिए जान लेते हैं मैक्यूलर रोग के लक्षण क्या है?
मैक्यूलर रोगों के सामान्य लक्षण-
- पढ़ने में कठिनाई आना
- धुंधलापन दिखाई देना
- देखने में दिक्कत होना
वैसे तो तेज रोशनी में भी आपको दिक्कत हो तब भी यह मैक्युला के लक्षण ही है।
मैक्यूलर रोग के कारण-
मैक्यूलर रोगों के बहुत से कारण हो सकते है जिसमें मधुमेह सबसे मुख्य कारण है।
- आंख में चोट
- आनुवंशिक विकार
- रेडिएशन इफेक्ट
- ट्यूमर
- मोतियाबिंद या ग्लूकोमा सर्जरी के बाद सूजन।
अगर आपको मैक्यूलर का इलाज कराना हैं तो इंट्राविट्रियल इंजेक्शन इसका सबसे आम इलाज है।
रेटिना का इलाज
अगर किसी को मैक्यूलर रोग हो जाता है, तो फ्यूचर में होने वाली समस्याओं से बचने के लिए इसका तुरंत इलाज कराना जरूरी है। मैक्युला में असामान्य ब्लड वेसेल्स का इलाज किया जाता है। मैक्युलर का इलाज या तो इंजेक्शन या लेजर या रेटिना सर्जरी द्वारा किया जाता है। मैक्यूलर एडिमा के लिए प्रचलित सबसे आम उपचार इंट्राविट्रियल इंजेक्शन है। अन्य दूसरे उपचार के बारे में जानेंगे।
इंट्राविट्रियल इंजेक्शन
इंट्राविट्रियल इंजेक्शन टॉपिकल एनेस्थीसिया के तहत आंख के सफेद हिस्से के माध्यम से लगाया जाता है। यह सलाह दी जाती है कि आप किसी प्रशिक्षित रेटिना विशेषज्ञ से इंट्राविट्रियल इंजेक्शन लगवाएं, जिन्हें मैक्यूलर रोग की अच्छी तरह से जानकारी होती है। अगर आपको मैक्यूलर रोग के साथ-साथ मोतियाबिंद या ग्लूकोमा भी है, तो इसका इलाज एक साथ या रेटिनल रोग ठीक होने के बाद किया जा सकता है।
फोकल लेजर ट्रीटमेंट
इस उपचार में ब्लड वेसेल्स के फोकल लीक को बहुत हल्के लेजर बर्न द्वारा सील कर दिया जाता है। ये एक सेफ ट्रीटमेंट माना जाता है।
विट्रोक्टोमी सर्जरी
मैक्यूलर रोगों के लिए की जाने वाली माइनर सर्जरी को विट्रोक्टोमी कहा जाता है। इस सर्जरी में आंख के सफेद हिस्से में तीन छोटे छेद करके विट्रियस जेली को हटा दिया जाता है। इसके बाद सर्जन अलग-अलग झिल्लियों को हटाकर और लेजर ट्रीटमेंट से मैक्यूलर रोग को ठीक करते हैं। विट्रोक्टोमी सर्जरी पहले की तुलना में अब ज्यादा सेफ है और अगर समय पर ट्रीटमेंट करा लिया जाए, तो अक्सर अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं।