धर्म व ज्योतिष

Bhai Dooj 2023 Shubh Muhurt : भाई दूज पर तिलक के लिए है 2 शुभ मुहूर्त, जान लीजिए समय और पूजा विधि

नई दिल्ली – Bhai Dooj 2023 Date Shubh Muhurt : दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर 15 नवंबर (बुधवार को) भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। इस पर पर्व पर बहनें अपने भाई के माथे पर टीका (तिलक) करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। यहां पर हम बता रहे हैं कि क्यों और कैसे भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है और शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है? 

बुधवार को मनाया जाएगा त्योहार

दिवाली के समाप्त होने के बाद कार्तिक शुक्ल द्वितीया पर भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस तारीख को संबंध यमराज के साथ  होने के चलते इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार, जो भाई अपनी बहन से इस दिन यानी भाई दूज पर तिलक करवाता तो उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस वर्ष भाई दूज का त्योहार 15 नवंबर (बुधवार) को मनाया जाएगा।

भाई दूज 2023 का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों और पुजारियों के अनुसार, इस वर्ष भाई दूज पर बहनों को भाइयों के माथे पर तिलक करने के लिए दो बार शुभ मुहुर्त मिलेगा। इस कड़ी में पहला शुभ मुहूर्त बुधवार (15 नवंबर) को सुबह 6 बजकर 44 मिनट से सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक है। इसके बाद दूसरा शुभ मुहूर्त बुधवार सुबह 10 बजकर 40 मिनट से 12 बजे तक रहेगा। यहां पर ध्यान रखने की बात यह है कि इस बार दोपहर बाद कोई शुभ मुहूर्त नहीं है।

कैसे की जाती है यम की पूजा

पुजारियों के अनुसार, भाई दूज पर बुधवार शाम को पूजा की कड़ी में घर के बाहर बाईं तरफ मिट्टी के कलश को जल से भरा जाएगा। पूजा के क्रम में इसमें सरसों के तेल का चहुमुखी दीया जलाया जाएगा। इस दौरान यानी पूजा के दौरान बहनें ईश्वर से प्रार्थना करती हैं कि घर-परिवार में रहने वाले सभी लोग स्वस्थ्य रहने के साथ दीर्घायु हों। इसके अगले दिन यानी बृहस्पतिवार को  सुबह कलश का जल घर के कोने-कोने में छिड़क दें।

भाई दूज पर कैसे करें पूजा

  • सुबह चंद्रमा के दर्शन अवश्य करें।
  • साफ पानी से स्नान करें।
  • तिलक के लिए मिठाई, सुपारी, फूल, फल, चंदन, सिंदूर और कुमकुम की सामग्री होना अनिवार्य है। चावल के मिश्रण से एक चौक निर्मित करें।
  • इस चौक पर भाई को बैठने के लिए कहें और इसके बाद शुभ मुहूर्त में तिलक करें। इसी क्रम में भाई की आरती भी उतारें।
  • इसके बाद भाई उपहार भेंट करता है, जिसके बाद बहन अपने भाई से रक्षा का वचन लेती है।

चित्रगुप्त की कैसे करें उपासना 

इस दिन चित्रगुप्त की पूजा का विशेष महत्व होता है। भाई दूज पर सुबह के समय पूर्व की दिशा में चौक बनाएं। इस पर चित्रगुप्त भगवान की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद इसके सामने ही घी का एक दीपक जरूर जलाएं। अगले क्रम में फूल और मिठाई अर्पित करें। इस दौरान एक कलम भी अर्पित करें। अगले क्रम में एक सफेद कागज पर हल्दी लगाकर उस पर ‘श्री गणेशाय नमः’ लिखें और फिर ओम चित्रगुप्ताय नमः 11 बार जरूर लिखें। अगली कड़ी में भगवान चित्रगुप्त से बुद्धि और विद्या के साथ लेखन का वरदान मांगें।

( Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी ज्योतिषियों, पंचांग, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से लेकर आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है। इसके अलावा किसी भी तरह की जिम्मेदारी republicnow.in नहीं लेगा। )

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