धर्म व ज्योतिषयूपी

Ayodhya : रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की पूजन के लिए बनेगा विशेष ग्रंथ, जानिए किस परंपरा से होगी पूजा?

लखनऊ – राम जन्मभूमि अयोध्या पर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की कार्यक्रम की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। तैयारी की मॉनिटरिंग के लिए ट्रस्ट के सदस्य हर 15 दिन बाद बैठक कर रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक का रविवार को दूसरा दिन रहा। ट्रस्ट के सदस्यों ने रामलला के मंदिर निर्माण कार्यों के बारे में समीक्षा की। साथ ही रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अयोध्या आने वाले लाखों की तादात में श्रद्धालुओं के आवागमन, रात्रि विश्राम, भोजन-पानी और स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी तैयारी की रूपरेखा की समीक्षा की गई।

इस बैठक से पता चला कि अब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से लेकर श्रीराम मंदिर की पूजा पद्धति में भी बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। ट्रस्ट की बैठक में राम मंदिर में रामलला के पूजा अर्चन करने वाले पुजारी के चयन तथा रामलाल के मंदिर में सभी धार्मिक कार्यक्रमों संपन्न करने के लिए राम सेवा विधि विधान समिति की गठन किया गया है।

पूजा में शामिल होंगे रामानंद संप्रदाय के विद्वान

इस समिति में रामानंद संप्रदाय के विद्वानों को शामिल किया गया है. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा और सेवा अर्चन के लिए इस समिति का गठन किया गया है। यही नहीं राम मंदिर में रामलला के पूजन अर्चन के लिए रामानंद संप्रदाय के आचार्य के द्वारा पूजन विधि का एक ग्रंथ तैयार किया जाएगा। इसी ग्रंथ के अनुसार रामलला का पूजन अर्चन राम मंदिर में होगा। भविष्य में राम मंदिर के सभी धार्मिक कार्यक्रम को इसी ग्रंथ के अनुसार किया जाएगा। इस ग्रंथ को श्री राम सेवा विधि विधान समिति तैयार कर रही है।

पूजा के लिए तैयार किया जा रहा ग्रंथ

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्रीराम सेवा विधि विधान समिति का गठन हुआ है। रामलाल के सभी धार्मिक कार्यक्रम के लिए श्रीराम सेवा से विधि विधान समिति का गठन किया गया है। श्रीराम सेवा विधि विधान समिति का कार्य अब आरंभ हो गया है। श्रीराम सेवा विधि विधान समिति के द्वारा ही रामलाल के पूजन को लेकर एक ग्रंथ तैयार किया जा रहा है। ग्रंथ के अनुसार अध्यनरत छात्रों को भविष्य में राम मंदिर में रामलला के अर्चक के रूप में नियुक्ति किया जाएगा। इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र इन छात्रों को गुरुकुल में इस ग्रंथ का अनुसरण कराएगी।

बटुक ब्राह्मण का होगा चयन

साथ ही उन्होंने बताया कि इस ग्रंथ का अनुसरण करने वाले बटुक ब्राह्मण का चयन होगा। उनका परीक्षण किया जाएगा। इस ग्रंथ की शिक्षा लेने वाले में से सर्वश्रेष्ठ वेदपाठी छात्रों को रामलला के अर्चक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की नियुक्ति में यह विशेष ध्यान दिया जाएगा कि रामलला के अर्चक के तौर पर अवध क्षेत्र अयोध्या और उसके आसपास के वैदिक वेद पाठी बटुको को प्राथमिकता दी जाएगी। ग्रंथ का अनुसरण करने वाले बटुक ब्राह्मण के परीक्षण के बाद रामलाल के अर्चक के रूप में इनको नियुक्त किया जाएगा। इन छात्रों को छात्रवृत्ति भी दी जाएगी।

REPUBLIC NOW

Republicnow.in एक स्वतंत्र डिजिटल न्यूज़ चैनल है, जो आपको सबसे तेज और सटीक खबरें प्रदान करता है। हमारा लक्ष्य है कि हम दुनिया भर की महत्वपूर्ण और प्रासंगिक खबरें आप तक पहुँचाएँ। राजनीति, मनोरंजन, खेल, बिज़नेस, टेक्नोलॉजी, और अन्य विषयों पर हमारी निष्पक्ष और प्रमाणिक रिपोर्टिंग हमें सबसे अलग बनाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button